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यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत लगातार प्रयास कर रहा है. इस बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया कि ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 48 उड़ानें भारत पहुंचीं हैं, जिनमें से 18 उड़ानें पिछले 24 घंटों में पहुंचीं हैं.
इन 18 उड़ानों से लौटने वाले भारतीयों की कुल संख्या लगभग 4000 है. सरकार ने बताया कि बुडापेस्ट से 5 उड़ानें, रोमानिया में सुसेवा से 4, पोलैंड में रेज़ज़ो से 3 और वारसॉ, ब्रातिस्लावा, बुखारेस्ट और स्लोवाकिया के कोसिसे से 1-1 उड़ान की जाएगी. दरअसल, भारत यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों जैसे रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से विशेष उड़ानों के जरिए अपने नागरिकों को निकाल रहा है. रूस के हमले के कारण यूक्रेन का हवाई क्षेत्र 24 फरवरी से ही बंद है.
भारत सरकार ने कहा, ‘मानवीय सहायता के चार खेप पहले भेजी गई हैं और आज दो और खेपें भारतीय वायुसेना की उड़ानों (पोलैंड, स्लोवाक, रोमानिया) द्वारा भेजी गईं है. वायुसेना के विमान से 6 टन सामग्री रोमानिया और 9 टन सामग्री को स्लोवाकिया ले जाया गया. वहीं, विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि हमारा मुख्य जोर पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष वाले क्षेत्रों से भारतीय छात्रों को बाहर निकालना है और हम रूस एवं यूक्रेन से स्थानीय संघर्ष विराम सहित अन्य रास्ते तलाशने का आग्रह करते हैं ताकि अपने शेष नागरिकों को युद्धग्रस्त यूक्रेन के संघर्ष वाले इलाकों से निकाल सकें.
लगभग 300 भारतीय खारकीव में और 700 सुमी में हैंः विदेश मंत्रालय
मंत्रालय ने बताया कि लगभग 300 भारतीय खारकीव में और 700 सुमी में हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा कि युद्धग्रस्त देश को लेकर प्रथम परामर्श जारी होने के बाद करीब 20,000 भारतीय यूक्रेन की सीमा छोड़ चुके हैं. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा’ के तहत अब तक 48 उड़ानों से 10,300 से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए अगले 24 घंटों में 16 उड़ानों का कार्यक्रम है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ” लगभग 300 भारतीय खारकीव में, 700 सुमी में हैं.” उन्होंने कहा कि संघर्ष वाला इलाका है हालांकि हम सभी भारतीयों को लाने के लिये लगातार प्रयास कर रहे हैं. कुछ इलाकों से भारतीयों को निकालने में कठिनाई पेश आने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”हम दोनों पक्षों से रास्ता तलाशने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि हम संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने नागरिकों को बाहर निकाल सकें. स्थानीय संघर्षविराम से इसमें मदद मिलेगी.”
दोनों पक्षों से गुजारिश, स्थानीय स्तर का संघर्ष विराम हो- भारत सरकार
उन्होंने कहा कि इन इलाकों में गोलाबारी चल रही है, हम नहीं चाहते है कि हमारे छात्र ऐसी जगह से गुजरें जिससे उनकों कुछ नुकसान होने की आशंका हो. ऐसे में हमारी दोनों पक्षों से गुजारिश होगी कि संघर्ष विराम, स्थानीय स्तर का संघर्ष विराम हो ताकि हम अपने लोगों को निकाल सकें. रूस द्वारा भारतीयों को निकालने के लिये बसों की व्यवस्था करने से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने कहा कि जिन बसों की बात हो रही है, वे काफी दूर हैं और जिस स्थान पर छात्र हैं..वहां से 50-60 किलोमीटर दूर हैं. उन्होंने कहा, ”यह युद्ध की स्थिति है और वे बसें दूर हैं. वहां तक हमारे बच्चे कैसे पहुंचेंगे. ऐसे में रूसी पक्ष वहां आए या यूक्रेन के लोग कोई व्यवस्था करें, तभी कुछ हो सकता है. स्थानीय संघर्ष विराम से मदद मिल सकती है.”