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NV News Green Nobel Prize 2024 (Alok Shukla): अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में मंगलवार को गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल पुरस्कार दिया गया. इसे ग्रीन नोबल पुरस्कार भी कहते हैं. इसमें छत्तीसगढ़ के पर्यावरणविद् को भी यह पुरस्कार दिया गया. बता दें कि इस साल का अवॉर्ड भारत के आलोक शुक्ला सहित दुनियाभर के 7 लोगों को दिया गया है. सरगुजा और कोरबा जिले में हसदेव के जंगलों को कोल माइंस से बचाने के लिए आंदोलनरत छत्तीसगढ़ के पर्यावरणविद् आलोक शुक्ला (Alok Shukla) को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
21 प्रस्तावित कोयला खदानों को कराया रद्द
Green Nobel Prize 2024 Alok Shukla (आलोक शुक्ला) को यह पुरस्कार अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया. अवॉर्ड देने वाली संस्था गोल्ड मैन एनवायरन्मेंटल फाउंडेशन ने बताया है कि छत्तीसगढ़ में करीब 4,45,000 एकड़ में फैले घने हसदेव जंगल को बचाने के लिए आलोक शुक्ला ने काम किया. इस इलाके में 23 कोयला खदानें हैं. जुलाई 2022 में सरकार ने हसदेव अरण्य में 21 प्रस्तावित कोयला खदानों को रद्द कर दिया. हसदेव अरण्य को छत्तीसगढ़ के फेफड़े के रूप में जाना जाता है.
बता दें कि हसदेव के जंगल जैव विविधता से भरे हुए हैं. Alok Shukla ने इस पर इसे खुशी का पल बताया है. उन्होंने कहा कि निश्चित ही यह हमारे लिए खुशी का पल है. हमारे इतने वर्षों के कार्यों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है. जानकारी के लिए बता दें कि, गोल्डमैन पर्यावरण पुरस्कार की स्थापना साल 1989 में सैन फ्रांसिस्को के दिवंगत नागरिक नेताओं और परोपकारी रिचर्ड और रोडा गोल्डमैन की ओर से की गई थी. पुरस्कार विजेताओं का चयन अंतरराष्ट्रीय जूरी करती है. इसके लिए विश्व स्तर पर नामांकन मांगे जाते हैं.
इन लोगों को मिला इस साल का गोल्डमैन अवॉर्ड
एशिया से छत्तीसगढ़, भारत के आलोक शुक्ला (Alok Shukla)
अफ्रीका से दक्षिण अफ्रीका के नॉनहले मबुथुमा और सिनेगुगु जुकुलु
यूरोप से स्पेन के टेरेसा विसेंट
ऑस्ट्रलिया से मुर्रावाह मारूची जॉनसन
उत्तरी अमेरिका से यूएसए के एंड्रिया विडौरें
दक्षिण अमेरिका से ब्राजील के मार्सेल गोम्स