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NV News:- बिलासपुर। न्यायधानी स्थित छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता जताई है। विशेषज्ञों के अनुसार, अध्ययन के लिए घर से दूर रह रहे छात्र लगातार अकेलेपन और मोबाइल की लत के शिकार हो रहे हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति अस्थिर हो रही है।
सिम्स के विशेषज्ञों का मानना है कि मोबाइल और सोशल मीडिया की अत्यधिक उपयोगिता के कारण छात्र ‘डिजिटल डिसोसिएशन’, ‘सोशल कम्पेरिजन डिसऑर्डर’ और ‘सिचुएशनल डिप्रेशन’ जैसी गंभीर मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनका असर न केवल छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, बल्कि उनकी पढ़ाई, सामाजिक जीवन और आत्मसम्मान पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि छात्रों को हॉस्टल में घर जैसा माहौल देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। “हमने मानसिक परामर्श सेवाएं शुरू की हैं, साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेल प्रतियोगिताएं और समूह चर्चाएं आयोजित कर रहे हैं, ताकि छात्र आपस में संवाद बढ़ाएं और मोबाइल पर निर्भरता कम हो,” उन्होंने कहा।
विशेषज्ञों ने चेताया कि यदि समय रहते इन समस्याओं को नहीं रोका गया, तो इससे नींद की कमी, सामाजिक दूरी और प्रेरणा में गिरावट जैसे गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। संस्थान ने छात्रों और अभिभावकों से इस दिशा में जागरूक और सहयोगी भूमिका निभाने की अपील की है।