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बिहार :- 950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े पांचवें मामले में भी राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू यादव दोषी करार दिए गए हैं. रांची की सीबीआई कोर्ट ने डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ के ग़बन के मामले में उन्हें दोषी करार दिया है.
कोर्ट ने इस मामले में 24 लोगों को बरी कर दिया है, जबकि लालू के करीबी नेता जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत समेत 35 लोगों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने लालू यादव के लिए सजा का ऐलान नहीं किया है. उन्हें 21 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी. इन दिनों लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर हैं. अगर लालू यादव को भी तीन साल या उससे कम सजा मिलती है तो उन्हें कोर्ट से ही जमानत मिल जाएगी, नहीं तो उन्हें कस्टडी में लिया जाएगा.
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इस मामले में कुल 170 आरोपी थे लेकिन ट्रायल के दौरान 55 आरोपियों की मौत हो चुकी है. लालू यादव समेत सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ जाँच एजेन्सी ने 2001 में चार्जशीट दायर किया था और 2005 में चार्ज फ़्रेम किया गया था.
झारखंड में जिन पाँच मामलों में लालू यादव आरोपी बनाए गए हैं, उनमें ये एकमात्र मामला है जिसमें फ़ैसला आना बाक़ी था. बाकी चार मामलों में कोर्ट पहले ही लालू यादव को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर चुका है.
चाईबासा कोषागार के दो अलग-अलग मामलों में लालू यादव को सात-सात साल की सजा हो चुकी है, जबकि दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में पाँच साल और देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में चार-चार वर्ष की सजा सुनायी गई है. चारों मामलों में लालू यादव ने जेल काटते हुए सजा का पचास प्रतिशत हिस्सा पूरा कर लिया है.