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N.V.News रायपुर: छत्तीसगढ़ के हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में पिछले 12 वर्षों से 3500 से अधिक प्राचार्य पद रिक्त थे, जिससे स्कूलों का संचालन प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे किया जा रहा था। अब राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 2900 प्राचार्य पदों के लिए प्रमोशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग की विभागीय पदोन्नति समिति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दिया है।
यह प्रमोशन प्रक्रिया उन शिक्षकों के लिए है, जो व्याख्याता (नियमित), व्याख्याता एलबी और प्रधान पाठक (वरिष्ठ शिक्षक) के रूप में कार्यरत हैं। लंबे समय से चल रहे न्यायिक विवादों का समाधान होने के बाद अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से स्पष्ट हो चुकी है, जिससे शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और योग्य अधिकारियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
पिछले कुछ वर्षों में इस प्रक्रिया में कई अड़चनें आईं, जिनके कारण प्राचार्य पदों की भर्ती नहीं हो सकी थी। 5 मार्च 2019 को प्राचार्य पदोन्नति समिति का गठन किया गया था, लेकिन विभिन्न कारणों से इसे लागू नहीं किया जा सका। हाल ही में ग्रेडेशन लिस्ट पर दावा-आपत्ति मंगाई गई थी, जिसका निराकरण कर लिया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि प्राचार्य पदों पर नियुक्ति से स्कूलों में न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि प्रशासनिक व्यवस्थाएं भी मजबूत होंगी। इसके साथ ही, विभाग को भविष्य में उच्च पदों के लिए योग्य अधिकारी मिलेंगे।
इस कदम से शिक्षक वर्ग में उत्साह का माहौल है। एलबी संवर्ग के व्याख्याता और शिक्षक नेता संजय शर्मा ने कहा कि शिक्षक संगठनों ने इस प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग की थी। अब इस कदम से शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार की उम्मीद बढ़ गई है।