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N.V.News रायपुर: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की हालिया रिपोर्ट ने छत्तीसगढ़ को हत्या दर के मामले में देश में तीसरे स्थान पर खड़ा कर दिया है। इस चिंताजनक स्थिति ने राज्य में कानून व्यवस्था के कमजोर होने और शासन-प्रशासन की नाकामी को उजागर किया है। खासकर, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे बड़े राज्यों को पीछे छोड़ने की घटना गंभीर सवाल खड़े करती है। यह सिर्फ अपराध की बढ़ोतरी नहीं, बल्कि सामाजिक व्यवस्था में गिरावट का भी संकेत है।
इस वृद्धि के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, पुलिस बल की अपर्याप्तता और न्यायिक प्रक्रियाओं में देरी अपराधियों को हौसला देती है। इसके अतिरिक्त, बेरोजगारी और शिक्षा की कमी ने युवाओं को अपराध की ओर आकर्षित किया है। नशे की बढ़ती लत ने भी समाज में असंतोष और अस्थिरता को बढ़ावा दिया है। यह समस्या केवल कानून और व्यवस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक असमानताओं का भी परिणाम है।
सरकार को केवल पुलिसिंग में सुधार करने की बजाय, सामाजिक सुधारों पर भी ध्यान देना होगा। रोजगार सृजन, शिक्षा का प्रचार और त्वरित न्याय प्रणाली जैसे कदम उठाए जाने चाहिए। समुदाय-आधारित जागरूकता कार्यक्रमों से लोगों को अपराध के प्रति सजग किया जा सकता है। यदि यह स्थिति सुधारने के प्रयासों में तत्परता नहीं दिखाई जाती, तो छत्तीसगढ़ की कानून व्यवस्था और बिगड़ सकती है, जिससे पूरे समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।