हाईकोर्ट का कड़ा निर्देश: आंगनबाड़ियों की बदहाली पर मुख्य सचिव से नया शपथ पत्र तलब

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाली पर गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव को नया शपथ पत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की खंडपीठ में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट पर नाराज़गी जताते हुए यह आदेश दिया गया। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को निर्धारित की गई है।

कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट के बाद सख्त रुख

हाईकोर्ट ने यह निर्देश उस रिपोर्ट के आधार पर दिया है जिसमें बिलासपुर और रायगढ़ जिलों के आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्थाओं में भारी अव्यवस्थाएँ सामने आई हैं। यह रिपोर्ट कोर्ट कमिश्नर अमियकांत तिवारी और ईशान वर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई थी, जिन्हें 28 अक्टूबर 2025 को निरीक्षण का जिम्मा सौंपा गया था।

 

बिलासपुर आंगनबाड़ियों में खराब भोजन की शिकायतें

बिलासपुर जिले की रिपोर्ट में कई कमियां उजागर हुईं। मंगला क्षेत्र में बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता बेहद खराब पाई गई। रिपोर्ट में बताया गया कि भोजन तैयार करने का काम पहल स्वयंसेवी संस्थान को दिया गया है, लेकिन निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बच्चों को खाना परोसने का कार्य अब भी पुराने कल्याणी स्व सहायता समूह के कर्मचारियों द्वारा ही किया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।

रायगढ़ में भी अव्यवस्थाएँ, कोर्ट की गंभीर टिप्पणियाँ

रायगढ़ जिले की आंगनबाड़ियों में भी अव्यवस्थाएँ पाई गईं, जिनमें पोषण, स्वच्छता और प्रबंधन से जुड़े बड़े मुद्दे शामिल थे। रिपोर्ट के अनुसार कई केंद्रों में सिस्टम पूरी तरह चरमराया हुआ मिला। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से सख्त जवाब मांगा है।

मुख्य सचिव से नया शपथ पत्र तलब

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार के लिए अब तक उठाए गए कदमों की विस्तृत जानकारी मुख्य सचिव शपथ पत्र के रूप में अदालत के समक्ष पेश करें।

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