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NV News:- छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली नए नए पैंतरे अपनाते रहते हैं, एंटी नक्सल ऑपरेशन मे निकलने वाले जवानों पर कभी फायरिंग तो कभी सड़को को खोदकर टिफिन आईईडी बम लगाकर ब्लास्ट करते हैं. अब इन दिनों नक्सली रिमोट से चलने वाली पाइप बम से जवानों को निशाना बनाने के फिराक में हैं, हालांकि इससे पहले यह पाइप बम ब्लास्ट हो पाता जवानों ने इसे देख लिया और अपनी सूझबूझ और सतर्कता से सर्च कर इसकी सूचना नारायणपुर एसपी को दे दी.
हो सकता था बड़ा नुकसान
घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए जिला पुलिस बल और आइटीबीपी की 29 वीं बटालियन की बीडीएस टीम को मौके के लिए रवाना किया, जिसके बाद BDS की संयुक्त टीम ने आईईडी पाइप बम को रिकवर कर उसे नष्ट कर दिया. एसपी ने बताया कि यह पाइप बम 15 किलो वजनी था जो रिमोट से चलता है और इसके ब्लास्ट होने से जवानों को बड़ा नुकसान पहुंच सकता था.
BDS ने बम बरामद कर किया डिफ्यूज
नारायणपुर के एसपी सदानंद कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के ओरछा गांव में लगने वाले साप्ताहिक बाजार के करीब नक्सलियों ने 15 किलो वजनी रिमोट पाइप बम लगा रखा था, साप्ताहिक बाजार के आसपास सर्चिंग पर निकलने वाले जवानों की टीम पहुंचने वाली थी, इसकी सूचना पर नक्सलियों ने पहले से ही बम प्लांट कर रखा था, लेकिन आस-पास सर्चिंग के दौरान जवानों की नजर उस पर पड़ी और तुरंत जवान सचेत हो गए. इस बम की जानकारी उन्हें दी, जिसके बाद रिमोट से संचालित होने वाली इस पाइप बम को बीडीएस की टीम द्वारा सावधानीपूर्वक निकालते हुए नष्ट कर दिया गया. एसपी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से लगातार नक्सली इस इलाके में उत्पात मचा रहे हैं, कुछ दिन पहले ही नक्सलियों ने सड़क निर्माण कार्य में लगे 3 वाहनों को आग के हवाले कर दिया था, इस घटना के बाद से लगातार इलाके में सर्चिंग तेज कर दी गई है. वहीं जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सली अब इस तरह के पाइप बम का इस्तेमाल कर रहे हैं.
ऐसे तैयार होता है नक्सली पाइप बम
नक्सल मामलों के जानकार और एक्सपर्ट मनीष गुप्ता बताते हैं कि नक्सली लोहे के मोटे मोटे पाइप में बारूद भरकर इसमें डेटोनेटर और जिलेटिन का उपयोग करते हैं और एक रिमोर्ट में वायर लगाकर छोटे-छोटे बैटरी सेल का उपयोग करते हैं, पाइप जितना बड़ा और भारी होता है उसमें बारूद की मात्रा नक्सली उतनी ही भरते हैं और इसके बाद जैसे ही रिमोर्ट को दबाते हैं यह पाइप बम ब्लास्ट हो जाता है, पूरी तरह से लोहे से बनी पाइप के टुकड़े जवानों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए नक्सली टिफिन बंम के साथ-साथ इस तरह के रिमोर्ट से चलने वाली पाइप बम का इस्तेमाल जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए सड़कों के किनारे या फिर घने जंगल के पखडंडियो जैसे इलाकों में लगाए रखते हैं.