कोविड-19 ब्रेकिंग न्यूज़: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक और स्वदेशी वैक्सीन को दी मंजूरी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक एंटी -वायरल दवाई को भी इमरजेंसी उपयोग की इजाजत दी है, मोलनुपिरवीर , एक एंटीवायरल दवा है , ये दवाई अब देश में 13 कंपनियों द्वारा कोरोना के वयस्क रोगियों के इलाज के लिए आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए निर्मित की जाएगी और ये उन वयस्क रोगियों जो रोग की उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं उनके लिए उपयोग में लाई जाएगी।

 इस वैक्सीन की खास बातें है-

कि ये एक नैनोपार्टिकल वैक्सीन है इस वैक्सीन का नाम कोवोवेक्स दिया गया है इसका निर्माण पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करेगा  अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिकों की माने तो कोर्बिवैक्स वैक्सीन देश में इस्तेमाल की जाने वाली पहली प्रोटीन बेस्ड वैक्सीन हो सकती है यानी इसे बनाने के लिए कोरोनावायरस ( SARS – coV – 2 ) पर मौजूद स्पाइक प्रोटीन के चुनिंदा अंशों का इस्तेमाल किया गया है। कोरोना वायरस में मौजूद यह स्पाइक प्रोटीन ही वायरस को किसी इंसान के शरीर में मौजूद कोशिकाओं तक पहुंचाने में मदद करता है। वायरस इसके बाद खुद को बढ़ाता है और बीमारी पैदा कर देता है।

रिसर्च के मुताबिक-

इस तकनीक से कोरोना लोगों को संक्रमित या गंभीर रूप से बीमार करने में असफल साबित होगा बायोलॉजिकल ई ने अब तक कोर्बिवैक्स कोरोना वैक्सीन का डेटा रिलीज नहीं किया है। हालांकि ताजा जानकारी के मुताबिक कंपनी ने कोर्बिवैक्स के फेज -2 और फेज -3 के क्लीनिकल ट्रायल्स को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। कंपनी ने अमेरिका के ह्यूस्टन टेक्सस में स्थित बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन और कैलिफोर्निया के डायनावैक्स के साथ मिलकर इस वैक्सीन का निर्माण किया ।

कंपनी की चेयरमैन और एमडी महिमा दत्ता ने कोर्बिवैक्स के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन करने से पहले ही कहा था कि वैक्सीन दूसरे और तीसरे फेज के ट्रायल में सफल पाई गई है । हालांकि इसकी प्रभावशीलता पर अब तक कोई समीक्षा नहीं हुई है।