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N.V.News मुंगेली: मुंगेली जिले के ग्राम भथरी स्थित शासकीय हाई स्कूल में पिछले दो वर्षों से शिक्षक की कमी और भवन की अनुपलब्धता के कारण छात्रों की शिक्षा पर गंभीर असर पड़ रहा है। भथरी शासकीय हाईस्कूल में शिक्षकों की कमी व पढ़ाई से प्रभावित व परेशान स्कूल के छात्र व छात्राओं ने मुंगेली कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी से स्कूल में शिक्षक उपलब्ध ना होने की लिखित में शिकायत की। लिखित शिकायत में छात्राओं ने कहा कि यह स्कूल वर्तमान में पूर्व माध्यमिक शाला के भवन में संचालित हो रहा है, जो छात्रों की संख्या के हिसाब से अपर्याप्त है। भवन की कमी के कारण कई छात्र उच्च शिक्षा के लिए गांव से बाहर जाने को मजबूर हैं, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने पर विवश हैं।
स्कूल में सामाजिक विज्ञान और हिन्दी विषय के शिक्षक न होने से छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह बाधित है। पहले देवांश जायसवाल शिक्षक सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे थे, लेकिन उनके जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच होने के बाद से यह विषय बिना शिक्षक के है। इस समय त्रैमासिक परीक्षा निकट है, और छात्रों की पढ़ाई अधूरी रह गई है, जिससे उनकी परीक्षा में उत्तीर्ण होने की संभावना कम हो रही है।
विद्यालय में फिलहाल एक प्रभारी प्राचार्य द्वारा कार्यों का संचालन किया जा रहा है, जबकि स्थायी प्रधानाचार्य की आवश्यकता है। छात्र-छात्राओं और अभिभावकों ने इस समस्या को गंभीरता से उठाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति की जाए और विद्यालय के लिए स्थायी भवन का निर्माण कराया जाए।
यदि 10 दिनों के भीतर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है, तो विद्यार्थी परिषद द्वारा उचित कदम उठाने की चेतावनी दी गई है।
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में शिक्षा व्यवस्था को लेकर उठ रहे सवाल गंभीर चिंता का विषय हैं, खासकर जब जिले की शासकीय हाईस्कूल भथरी की शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ बीजेपी की छात्र इकाई ABVP विरोध कर रही है। राज्य में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद, स्थानीय और केंद्रीय स्तर पर बीजेपी के नेताओं के प्रभावशाली पदों पर होने के बाद भी शिक्षा व्यवस्था में खामियां उजागर हो रही हैं, जो शासन की प्राथमिकताओं और गंभीरता पर सवाल खड़े करती हैं।
लोरमी विधानसभा के विधायक अरुण साव, जो प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी हैं, और मुंगेली विधानसभा से पुन्नुलाल मोहले विधायक है जो प्रदेश में बीजेपी के गद्दावर नेता है, से इस मामले पर प्रतिक्रिया और कदमों की अपेक्षा की जा रही है। ABVP द्वारा शिक्षा में सुधार की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन को राज्य सरकार की नीतियों पर एक चुनौती के रूप में देखा जा सकता है। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि शिक्षा के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर सुधार की आवश्यकता है।
राज्य की शिक्षा व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार की गंभीरता संदेह के घेरे में है, क्योंकि लगातार विरोध और प्रदर्शन के बावजूद इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।