मुजफ्फरनगर में संविधान को खुली चुनौती,दलितों को जूते मारने और जुर्माने की मुनादी

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देश का संविधान भले ही सभी नागरिकों को एक सा हक देता है, लेकिन जमीनी हकीकत संविधान के पन्नों और अधिकारों से कोसों दूर है. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां शहर से 22 किमी दूर पावटी खुर्द गांव में ढोल बजाकर ये मुनादी करवाई गई कि कोई दलित शख्स गांव में समाधि या ट्यूबवेल पर नहीं जाए,अगर वो ऐसा करता है तो 50 जूते मारे जाएंगे और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगेगा. इसका एक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो गया है. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

क्या है पूरा मामला?

मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र की चौकी कुटसेना के पास में गांव पावटी खुर्द में करीब 6-7 हजार की आबादी रहती है. यहां मुस्लिम त्यागी, हिंदू त्यागी और अनुसूचित जाति के लोग बराबर के तीन भागों में रहते है. यहां राजवीर पूर्व प्रधान की तरफ से ये ऐलान करवाया गया कि दलित समाज का कोई व्यक्ति समाधि-ट्यूबवेल पर न जाए.

राजवीर त्यागी ने ये मुनादी करवाने के लिए भी वाल्मीकि समाज के शख्स का सहारा लिया. वाल्मीकि समाज से आने वाले 50 साल के कुंवरपाल से गांव में ऐलान करवाया गया.

कुख्यात बदमाश का पिता है राजवीर सिंह

राजवीर सिंह, विक्की त्यागी नाम के एक बदमाश, जिसकी पुलिस मुठभेड़ के दौरान 2015 में मौत हो गई थी, का पिता है. विक्की त्यागी के बेटे अर्पित त्यागी और रक्षित त्यागी भी हिस्ट्रीशीटर बताए जा रहे हैं. अर्पित पर लूट और हत्याओं के मुकदमे दर्ज हैं और रक्षित पर लूट के मुकदमे दर्ज हैं.

मामले में दो लोगों की गिरफ्तारी

मुजफ्फरनगर SP अभिषेक यादव ने बताया कि इस प्रकरण में दो लोगो की गिरफ्तारी की गई है. चरथावल के थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर बौद्ध के मुताबिक, राजवीर त्यागी और ढोल बजाने वाले कुंवरपाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस ने 153B, 505 और SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया.

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