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जयपुर :- राजस्थान में विधानसभा चुनाव दो साल बाद होने हैं। लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा ने पिछले दिनों जयपुर में 10 हजार प्रतिनिधियों का सम्मेलन कर चुनावी तैयारियों का आगाज किया। इस सम्मेलन को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संबोधित किया था। अब रविवार को कांग्रेस महंगाई के खिलाफ बड़ी रैली कर रही है। इस रैली को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई नेता संबोधित करेंगे। दोनों बड़ी पार्टियों के साथ ही छोटे-छोटे दलों ने मजबूत तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद शुरू की है। यह मोर्चा दोनों बड़े दलों को चुनौती देते हुए सरकार बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है।
सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल,भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के प्रमुख बेलाराम धोधरा और राजनीतिक रणनीतिकार चंद्रराज सिंघवी मिलकर राज्य में तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह नेता विधानसभा की 20 से 25 सीटों पर कब्जा कर सशक्त तीसरा मोर्चा बनाने की रणनीति बना रहे हैं। इसके तहत बेनीवाल जाट बहुल नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर जिलों में छोटी-बड़ी बैठक कर रहे हैं। बेनीवाल की पार्टी की वर्तमान में तीन विधानसभा सीटें हैं।
कांग्रेस और भाजपा का विकल्प बनने की कोशिश के तहत ही बेनीवाल ने जाट समाज के युवाओं पर अपनी पकड़ मजबूत बनाई है। बीटीपी आदिवासी बहुल डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व उदयपुर जिलों में सक्रिय हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बीटीपी ने दो सीटें जीती थी। लेकिन उसके बाद से आदिवासी बहुल इलाकों में पार्टी का जनाधार बढ़ रहा है। विशेषकर आदिवासी युवा वर्ग बीटीपी से जुड़ रहा है। पिछले कई सालों से राज्य के प्रमुख रणनीतिकारों में शामिल चंद्रराज सिंघवी बेनीवाल और बीटीपी के साथ मिलकर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद में जुटे हैं। सिंघवी कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव,भाजपा की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वसुंधरा राजे के राजनीतिक सलाहकार और बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष रहे हैं ।