माघ पूर्णिमा पर पुन्नी मेला में नहीं होगा तामझाम, पुण्य की डुबकी लगाने की परंपरा

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NV News:- छत्तीसगढ़ में माघ माह की पूर्णिमा तिथि पर कई शहरों में भव्य मेला का आयोजन करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका उद्देश्य यह होता है कि आसपास के लोग मेला घूमने आएं और आपसी रिश्तों को मजबूत करें

एक-दूसरे से जान-पहचान बढ़ाएं। मेले की तैयारी में पूरा गांव एकजुट होता है, इससे गांव के लोगों में एकता की भावना जागृत होती है।

रायपुर में खारुन नदी के किनारे महादेवघाट, राजिम में त्रिवेणी संगम पर धमतरी में रूद्रेश्वर मेला, राजनांदगांव में मोहारा मेला का आयोजन होता है। इनमें राजिम और महादेवघाट में माघ माह पूर्णिमा तिथि पर लगने वाला मेला प्रसिद्ध है। पुण्य की डुबकी लगाने आसपास के ग्रामीणों का हुजूम उमड़ता है। इस साल कोरोना गाइड लाइन के चलते मेले में ज्यादा तामझाम नहीं किया जा रहा है। सादगी से मेला की परंपरा निभाई जाएगी।

ऐतिहासिक हटकेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पं.सुरेश गिरी गोस्वामी के अनुसार 600 साल से भी अधिक समय से मेला लगता आ रहा है। राजा ब्रह्मदेव ने मेले की शुरुआत की थी। साल में तीन बार मेला लगता है, पहला कार्तिक पूर्णिमा, दूसरा माघ पूर्णिमा और तीसरा फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि पर मेला का आयोजन होता है। मेले का उद्देश्य आसपास के ग्रामीणों को एक जगह एकत्रित करके सामाजिक एकजुटता को मजबूत करना था।

16 फरवरी को माघ पुन्नी मेला

इस बार माघ माह की पूर्णिमा तिथि 16 फरवरी को पड़ रही है। पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करने की मान्यता है। गंगा, यमुना, नर्मदा जैसी नदियां काफी दूरी पर होने से श्रद्धालु हटकेश्वर महादेव तट पर स्नान करके भोलेनाथ का दर्शन कर पुण्य लाभ लेते हैं। इसे पुन्नी मेला कहा जाता है। कोरोना गाइड लाइन के कारण इस बार कम श्रद्धालु डुबकी लगाएंगे।

एक दिन पहले पूरी होगी तैयारी

मेले में जनसुविधा की व्यवस्था हर साल नगर निगम के संस्कृति विभाग द्वारा की जाती है। नगर निगम संस्कृति विभाग के अध्यक्ष आकाश तिवारी बताते हैं कि कोरोना गाइड लाइन के अनुरुप व्यवस्था की जाएगी। बेरीकेड्स, पानी के टैंकर, पार्किंग, साफ-सफाई आदि व्यवस्था 15 फरवरी तक पूरी कर दी जाएगी। पुण्य की डुबकी लगाने श्रद्धालु आते हैं, इसलिए गोताखोर भी तैनात किए जाएंगे।

एक मार्च को महाशिवरात्रि मेला

पुन्नी मेला के 13 दिन बाद फाल्गुन त्रयोदशी-चतुर्दशी के संयाेग में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि पर भी महादेव घाट में मेला का आयोजन किया जाएगा। महाशिवरात्रि मेला में भी पुण्य की डुबकी लगाई जाती है। इस मौके पर विशाल मेला भरता है, बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला, खानपान के स्टाल भी लगाए जाएंगे।

राजिम में पुन्नी से महाशिवरात्रि तक तीन स्नान

रायपुर से महज 50 किलोमीटर दूर स्थित त्रिवेणी संगम राजिम में 15 दिनों तक मेले की धूम रहेगी। 16 फरवरी को पुन्नी मेला का शुभारंभ होगा जो एक मार्च को महाशिवरात्रि तक चलेगा। पिछले दिनों धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम माघी पुन्नी मेला की तैयारियों पर बैठक ली थी। कोरोना गाइड लाइन के अनुसार मेला का आयोजन करने का निर्णय लिया था। 15 दिवसीय मेला के दौरान पहला स्नान 16 फरवरी को दूसरा स्नान 23 फरवरी को और तीसरा स्नान एक मार्च महाशिवरात्रि के दिन होगा।

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