लॉकडाउन का नक्सलियों ने उठाया फायदा, छात्रों-युवाओं को बनाया ‘लाल आतंक’ का हिस्सा

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बस्तर :-बस्तर में नक्सली स्कूली छात्रों, कॉलेज के युवाओं और ग्रामीण युवाओं को दबाव डालकर संगठन से जोड़ रहे हैं. पिछले दो वर्षों से कोरोना लॉकडाउन के कारण अंदरूनी क्षेत्रों में रोजगार छीन गया है. स्कूल, आश्रम, कॉलेज बंद होने से नक्सलियों ने छात्रों और युवाओं को टारगेट किया है और नक्सली विचारधारा से जुड़ने के लिए दबाव डाला है. उसके चलते कई छात्र और युवा ग्रामीण नक्सल संगठन से जुड़ गए

 

खुद बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने भी माना कि कोरोना काल के दौरान नक्सलियों ने इसका फायदा उठाकर छात्रों और युवाओं को दलम में शामिल करने के लिए विचारधारा का इस्तेमाल किया. बस्तर आईजी ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के छात्र और युवाओं को नक्सलियों की विचारधारा से प्रभावित होने नहीं दिया जाएगा और इसके लिए पुलिस इलाकों में पहुंचकर विशेष अभियान चलाएगी. पुलिस के प्रति लोगों का विश्वास जीतने का प्रयास किया जाएगा विचारधारा से प्रभावित हुए छात्रों और युवाओं को वापस मुख्यधारा में लाने की पुलिस कोशिश करेगी.

 

छात्रों और युवाओं को दलम में किया शामिल

जानकारी के मुताबिक नक्सली बस्तर में काफी लंबे समय से स्कूली छात्रों और युवाओं को अपने संगठन में शामिल करते आ रहे हैं. पिछले 2 वर्षों से कोरोना काल के दौरान नक्सली एक बार फिर ग्रामीण अंचलों में सक्रिय हो गए हैं. लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण युवा गांव लौटे हैं. रोजगार छीन जाने का फायदा उठाकर नक्सली छात्रों और युवाओं को संगठन में शामिल करने के लिए दबाव बनाने में सफल हुए. उन्होंने कई छात्रों को संगठन में शामिल कर बाल संघम सदस्य बना लिया.

पुलिस करेगी  मुख्यधारा में लाने का प्रयास

बस्तर आईजीसुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली हमेशा से ही छात्रों और युवाओं को दल में शामिल करने की फिराक में होते हैं और लॉकडाउन के दौरान नक्सलियों ने इसका फायदा भी उठाया. छात्रों को नक्सल संगठन में शामिल किया. लेकिन नक्सली अपने इस नापाक मंसूबे में सफल नहीं हो पाएंगे. अंदरूनी क्षेत्रों में कोरोना का प्रकोप कम होने के साथ ही स्कूल, आश्रम और कॉलेजों को खोला गया है और अब पुलिस ग्रामीण क्षेत्रों में खोखली  विचारधारा से प्रभावित हुए छात्रों और युवाओ को विशेष अभियान चलाकर मुख्यधारा में लाने का प्रयास करने के साथ ही ग्रामीणों का विश्वास जीतेगी. बस्तर पुलिस के जवानों की कोशिश होगी कि नक्सली विचारधारा में भटक कर अंदरूनी क्षेत्रों के छात्रों और युवाओं को वापस मुख्यधारा में लाया जाए.

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