National Voters Day: पांच राज्यों में चुनावी माहौल के बीच आज मनाया जा रहा है ‘नेशनल वोटर्स डे’, जानिए इस दिन का इतिहास और उद्देश्य

National Voters Day: यूपी, पंजाब, उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2022) को लेकर माहौल पूरे शबाब पर है. तमाम पार्टियों ने चुनाव के लिए अपने-अपने कैंडिडेट्स की लिस्ट जारी कर दी है वहीं अब नामांकन (Nomination) भरने की तैयारी चल रही है. इन सबके बीच बता दें कि आज नेशनल वोटर्स डे (National Voters Day)  मनाया जा रहा है

हर साल देश में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य लोगों को मतदान और वोटर के रूप मे उनके अधिकारो के प्रति जागरूक करना है, ताकि वे अपने प्रतिनिधि का सही प्रकार से चुनाव कर सकें. इस वर्ष, नेशनल वोटर्स डे का 12वां संस्करण मनाया जा रहा है.

नेशनल वोटर्स डे का इतिहास

25 जनवरी, 2011 को पहली बार राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी. तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अधिक युवा मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने आशय के साथ कानून मंत्रालय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने उस समय बताया था कि 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले नए वोटर्स मतदाता सूची में नामांकित होने में कम रुचि दिखा रहे थे. सोनी ने कहा कि इस मुद्दे को हल करने के लिए, चुनाव आयोग ने पूरे भारत के सभी मतदान केंद्रों में प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु तक पहुंचने वाले सभी पात्र मतदाताओं की पहचान करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी प्रयास शुरू करने का फैसला किया था. इसके बाद निर्णय़ लिया गया कि मतदाताओं का नामांकन किया जाएगा और उन्हें हर साल 25 जनवरी को चुनावी फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) दिया जाएगा.

नेशनल वोटर्स डे की इस साल की थीम

इस वर्ष के राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम ‘चुनावों को समावेशी, सुगम और सहभागी बनाना’ है  एक मतदाता को कई अधिकार प्राप्त होते हैं. कुछ लोगों को इनकी पूरी जानकारी नहीं होती है. इसलिए इन अधिकारो को जानना भी जरूरी है.

रजिस्टर्ड वोटर को 18 वर्ष के बाद मतदान का अधिकार

मतदान का अधिकार देश में 18 वर्ष के बाद वोटर के रूप में रजिस्टर्ड हर व्यक्ति को वोट देने का अधिकार है. किसी भी मतदाता को धर्म, जाति, वर्ण,संप्रदाय या लिंग के आधार पर मतदान से वंचित नहीं किया जा सकता है.

उम्मीदवारों के बारे में ले सकते हैं जानकारी

वोटर को चुनावी मैदान में उतरने वाले कैंडिडेट्स के संबंद में पूरी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है. मतदाता प्रत्याशी के एसेट, आपराधिक रिकॉर्ड, शैक्षणिक योग्यता की जानकारी ले सकते है. सुप्रीम कोर्ट ने भी एक फैसले में स्पष्ट कहा है कि किसी प्रत्याशी की शैक्षणिक योग्यता जानना मतदाता का मौलिक अधिकार है.

किसी को भी वोट नहीं देने का विकल्प (नोटा) का अधिकार

वोटर्स को उम्मीदवार पसंद नहीं आने पर अपनी नापसंद जाहिर करने का भी अधिकार है. इसके लिए मतादाता नोटा के जरिए किसी भी प्रत्याशी को न चुनने का अधिकार इस्तेमाल कर सकते हैं. नोटा का भी रिकॉर्ड रखा जाता है.