Lok Sabha Election 2024: लोगों के बीच एक ही वर्ष में तीन पदों में कार्यरत रहीं सरोज पांडेय, BJP मिली ताकत..NV

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NV News Lok Sabha Election 2024 (Saroj Pandey) : रायपुर। छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के चुनाव में कोरबा की लोकसभा सीट हाई प्रोफाइल है। यहां से भाजपा की तेजतर्रार नेत्री सरोज पांडेय (Saroj Pandey) चुनावी मैदान में हैं। दुर्ग की रहने वाली सरोज को कांग्रेस के कार्यकर्ता व नेता बाहरी बता रहे हैं और इसका जवाब स्वयं सरोज यह कहकर दे रही हैं कि कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कहां की हैं, उन्हें बाहरी क्यों नहीं कहते हैं।

 

पिछले दिनों कोरबा के कापुबहरा गांव की सभा में

Lok Sabha Election 2024 पिछले दिनों कोरबा के कापुबहरा गांव की सभा में सरोज पांडेय (Saroj Pandey) ने कहा था कि कांग्रेस के लोग मुझे बाहरी बताते हैं। अरे महंतीन तो छत्तीसगढ़ी भी बोल नहीं पातीं। चरणदास महंत खुद यहां नहीं रहते और मुझे बाहरी बताते हैं। मैं बाहर की हूं तो क्या सोनिया गांधी यहां की हैं। इतना सुनते ही भीड़ ने तालियां बजाकर उनका समर्थन किया।

इस तरह छत्तीसगढ़ की सियासत में

इस तरह छत्तीसगढ़ की सियासत में सोनिया गांधी की भी एंट्री हो चुकी है। Saroj Pandey छत्तीसगढ़ की एकमात्र ऐसी नेत्री हैं, जो एक ही साल में दुर्ग जिले से महापौर, विधायक और सांसद रहीं। उन्हें कोरबा से जिताने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत, सरगुजा संभाग की नेत्री रेणुका सिंह भी लगी हुई हैं।

 

कोरबा समेत सभी सीटों पर सीएम का फोकस

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कोरबा में सरोज को जिताने के लिए लोगों से अपील कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने यहां मतदाताओं को यह कहकर साधने की कोशिश की है कि सरोज एक ऐसी नेत्री हैं, जो कि सभी जिम्मेदार पदों को संभाल चुकी हैं। गौरतलब है कि कोरबा लोकसभा सीट में मौजूदा कांग्रेस सांसद ज्योत्सना महंत को कांग्रेस ने दोबारा टिकट दी है। उनके सामने भाजपा ने सरोज पांडेय पर दांव खेला है। Saroj Pandey वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।

 

चुनाव के बाद अब भूपेश बघेल ने थामी अन्य क्षेत्रों की कमान

लोकसभा के तीसरे चरण के चुनाव में कांग्रेस ने ताकत झोंक दी है। अपने उग्र और आक्रामक तेवरों के लिए मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभी तक अपने ही लोकसभा क्षेत्र तक सिमटे हुए थे, अब उनका जोर दूसरी अन्य लोकसभा सीटों पर होगा। इसके लिए उन्होंने सभा करने की रणनीति तैयार की है। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार विधानसभा चुनाव में हुए नुकसान की भरपाई के लिए भूपेश ने लोकसभा चुनाव में पसीना बहा रहे हैं।

 

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