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नई दिल्ली: यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास को बंद कर दिया गया है. माना जा रहा है कि इसे समीपवर्ती शहर लीव में शिफ्ट किया जा सकता है. सूत्रों ने मंगलवार को ये जानकारी दी. रूस ने राजधानी कीव को चौतरफा घेर रखा है और लगातार गोलाबारी कर रहा है. कीव के अलावा खारकीव शहर में भी रूस के लगातार हमले हो रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास को यह सुनिश्चित करने के बाद बंद कर दिया गया है कि वहां अब कोई भारतीय नहीं रह गया है. कीव रूस के सबसे बड़े हमले का शिकार है. रूसी सेना वहां रिहायशी इमारतों और प्रशासनिक भवनों को भी निशाना बना रही है. सूत्रों का कहना है कि यूक्रेन में भारतीय दूतावास के राजदूत और अन्य स्टाफ युद्धग्रस्त देश के पश्चिमी हिस्से की ओर चले गए हैं.
विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने भी कहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीव से सभी भारतीय चले गए हैं. शृंगला ने खारकीव और अन्य युद्धग्रस्त क्षेत्रों में फंसे सभी भारतीय की निकासी के लिए रूस और यू्क्रेन से तत्काल सुरक्षित रास्ता देने की मांग की है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्चस्तरीय बैठक में भारतीय छात्र की मौत पर दुख जताया. भारत खारकीव, सूमी और अन्य युद्धग्रस्त क्षेत्रों के हालात को लेकर बेहद चिंतित है.
रूस ने यूक्रेन के पूर्वी हिस्से पर कई ओर से हमला बोला है. भारत सरकार कई दिनों से यूक्रेन में फंसे भारतीयों से पश्चिमी हिस्से की ओर चले जाने की सलाह दे रही है. रूस के हमले में मंगलवार को खारकीव शहर में एक भारतीय छात्र की मौत भी हो गई. कर्नाटक का रहने वाला नवीन शेखरप्पा राशन की दुकान में खाने का सामान लेने के लिए खड़ा था, तभी रूसी सेना की ओर से एक प्रशासनिक भवन को निशाना बनाया गया, जिसमें धमाके की चपेट में नवीन भी आ गया और उसकी मौत हो गई.
सूत्रों के मुताबिक, भारतीय दूतावास को यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से के लीव शहर में स्थानांतरित किया जा रहा है. वहां दूतावास के लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है. सूत्रों के मुताबिक, दूतावास का स्टाफ अपनी नई मंजिल की ओऱ बढ़ चुका है. यह कवायद ऐसे वक्त हुई है, जब भारत सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को पोलैंड, हंगरी और रोमानिया के सीमाओं के सहारे बाहर निकालकर स्वदेश लाने में जुटी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ दिनों में यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के मुद्दे पर कई उच्चस्तरीय बैठकें की हैं. पीएम मोदी ने इस काम में वायुसेना को भी जुड़ने को कहा गया है. अगले तीन दिनों में 26 उड़ानें यूक्रेन के पड़ोसी देशों से भारतीयों को लाने के लिए चलेंगी.