भारत ने 28 साल बाद किया श्रीलंका का क्लीन स्वीप, जानिए टेस्ट सीरीज में जीत के 5 बड़े कारण

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NV News,बेंगलुरू टेस्ट में टीम इंडिया ने तीसरे दिन ही श्रीलंका  को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. भारत की ओर से मिले 447 रनों के लक्ष्य के जवाब में श्रीलंकाई टीम 208 रनों पर ढेर हो गई. भारत के लिए दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह ने 3 और अश्विन ने 4 विकेट चटकाए.

अक्षर पटेल को 2 और जडेजा को 1 विकेट मिला. भारत ने मोहाली टेस्ट भी 222 रनों से अपने नाम किया था और इस तरह उसने टेस्ट सीरीज में 2-0 से श्रीलंका का सफाया कर दिया. इस जीत के साथ ही भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में 12 अंक मिल गए.

बेंगलुरू टेस्ट में भारत की जीत के हीरो श्रेयस अय्यर रहे जिन्होंने दोनों पारियों में अर्धशतक लगाए. मैन ऑफ द सीरीज ऋषभ पंत को चुना गया. उन्होंने 60 से ज्यादा की औसत से रन बनाने के अलावा विकेट के पीछे 8 शिकार भी किए. बता दें भारत ने पूरे 28 साल बाद श्रीलंका का टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप किया. भारत की सीरीज जीत के क्या कारण रहे, आखिर कैसे उसने श्रीलंका को इतनी आसानी से हरा दिया, आइए आपको बताते हैं इसके 5 बड़े कारण.

बेहतरीन बॉलिंग अटैक

भारत की जीत की सबसे बड़ी वजह उसकी बेहतरीन गेंदबाजी यूनिट ही रही. जसप्रीत बुमराह, आर अश्विन, रवींद्र जडेजा मोहम्मद शमी की बेहतरीन गेंदबाजी ने श्रीलंका को चारों खाने चित कर दिया. बुमराह और जडेजा ने 10-10 विकेट हासिल किए.

पंत-अय्यर ने दिखाया दम

भारत के दो युवा बल्लेबाजों श्रेयस अय्यर और ऋषभ पंत ने सीरीज में दमदार प्रदर्शन किया. मोहाली के बाद बेंगलुरू की मुश्किल पिच पर भी दोनों बल्लेबाजों ने कमाल बल्लेबाजी की. अय्यर ने 62 की औसत से 186 रन बनाए और पंत ने 61.66 की औसत से 185 रन ठोके. दोनों बल्लेबाजों ने 2-2 अर्धशतक लगाए.

जडेजा बने ‘रॉकस्टार’

रवींद्र जडेजा अकेले ही श्रीलंका पर भारी पड़े. मोहाली टेस्ट तो जडेजा ने अकेले ही जिता दिया. पहले उन्होंने नाबाद 175 रनों की पारी खेली और उसके बाद वो सीरीज में 10 विकेट भी ले गए. जडेजा का सीरीज में बल्लेबाजी औसत 100 से ज्यादा रहा.

श्रीलंका के चोटिल खिलाड़ी

श्रीलंका की टीम पहले ही कम अनुभवी है और सीरीज के दौरान उसके कुछ अहम खिलाड़ी चोट के चलते नहीं खेल पाए और वो पूरी ताकत से मैदान पर नहीं उतरी. श्रीलंका के बल्लेबाज निशांका चोट की वजह से दूसरा टेस्ट नहीं खेले. दुष्मंता चमीरा पूरी सीरीज में नहीं खेल सके. कुसल मेंडिस भी एक ही टेस्ट खेले.

श्रीलंका का औसत प्रदर्शन

कप्तान दिमुथ करुणारत्ने के अलावा दूसरा कोई श्रीलंकाई बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया. सिर्फ करुणारत्ने ही सीरीज में 100 से ज्यादा रन बना सके. गेंदबाजी में भी श्रीलंका प्रदर्शन औसत ही रहा.

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