Share this
NV News:- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में अरपा नदी के संरक्षण और अवैध उत्खनन रोकने को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने नदी की दयनीय स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों को नाकाफी बताते हुए कहा कि अवैध उत्खनन और परिवहन रोकने के लिए प्रभावी नीति अपनाई जानी चाहिए।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, “अगर कलेक्टर को सफाई करनी है, तो वे कलेक्ट्रेट छोड़ दें और सफाई कर्मचारी बन जाएं। उनका काम नदी में फावड़ा चलाना नहीं, बल्कि ऑफिस में बैठकर ठोस नीति बनाना है।” उन्होंने सवाल उठाया कि कलेक्टर सफाई कर रहे हैं या सिर्फ फोटो खिंचवाने के लिए दिखावा कर रहे हैं?
राज्य सरकार ने अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए 6 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जिसमें खनिज विभाग के उपसंचालक और खनिज अधिकारी शामिल हैं। इस समिति को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट के आधार पर खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन के लिए विधि विभाग को प्रस्ताव भेजा जाएगा।
हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 22 अप्रैल को तय की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन को केवल प्रतीकात्मक कदम उठाने के बजाय ठोस कार्ययोजना के साथ नदी संरक्षण के लिए काम करना होगा।