जल्दी बनवाएं यूनिक डिजिटल हेल्थ आईडी कार्ड, आपको होगा जबरदस्त फायदा; ये रहा तरीका

नई दिल्ली: अब आधार की तरह हेल्थ कार्ड भी इशू होगा. डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सरकार हर व्यक्ति का यूनिक हेल्थ कार्ड बनाने जा रही है. यह पूरी तरह से डिजिटल कार्ड होगा जो बिल्कुल आधार कार्ड की तरह होगा. आधार कार्ड की तरह इसमें आपको एक नंबर मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यक्ति की पहचान होगी. इससे डॉक्टर आपकी पूरी स्वास्थ्य रिकॉर्ड जानेंगे.

 

  • आधार कार्ड की तरह अब सरकार देगी यूनिक हेल्थ कार्ड
  • हेल्थ कार्ड में मरीज के सभी डिटेल्स होंगे मौजूद
  • हेल्थ कार्ड के तहत लोगों को सरकारी सुविधाएं भी मिलेंगी

बड़े काम का है यूनिक हेल्थ कार्ड

इसी यूनिक कार्ड से पता चल जाएगा कि किसी का इलाज कहां-कहां हुआ है. साथ ही व्यक्ति की सेहत से जुड़ी हर जानकारी इस यूनिक हेल्थ कार्ड में दर्ज होगी. इससे मरीज को हर जगह फाइल लेकर साथ भी न चलना होगा. डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसकी स्थिति को जान सकेंगे और फिर इसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा. इस कार्ड से व्यक्ति को मिलने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में भी पता चलेगा. रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा.

क्या होगा यूनिक हेल्थ कार्ड में

आधार कार्ड की तरह यूनिक हेल्थ आईडी के तहत सरकार हर व्यक्ति का स्वास्थ्य से जुड़ा डेटाबेस तैयार करेगी. इस आईडी के साथ उस व्यक्ति के मेडिकल रिकॉर्ड में सभी डिटेल रखी जाएगी. इस आईडी की मदद से किसी व्यक्ति का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड देखा जा सकेगा. किसी डॉक्टर के पास वह व्यक्ति जाएगा तो अपनी हेल्थ आईडी दिखाएगा. उससे पता चल जाएगा कि इससे पहले क्या इलाज चला, किन डॉक्टरों से परामर्श लिया और कौन-कौन सी दवाएं पहले चलाई गई हैं. इस सुविधा के जरिये सरकार लोगों को इलाज आदि में भी कर सकेगी.

 

 

हेल्थ आईडी में दर्ज होंगी ये बात 

इसमें व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा. इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा. इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी. जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी.

इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा. पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है.