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NV News:- कोरोना वायरस एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा रहा है. हाल ही में कोरोना वायरस का एक नया वैरिएंट डेल्टाक्रॉन सामने आया है. बताया जा रहा है कि यह नया वायरस डेल्टा और ओमिक्रॉन वैरिएंट से मिलकर बना है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि कुछ यूरोपीय देशों फ्रांस, नीदरलैंड और डेनमार्क में इस नए डेल्टाक्रॉन वैरिएंट के कुछ मामले सामने आए हैं.
हालांकि, अभी तक इस वैरिएंट के काफी कम मामले नजर आए हैं, ऐसे में वैज्ञानिकों को इस नए वैरिएंट के बारे में जानकारी नहीं है कि यह कितना खतरनाक है या कितनी आसानी से फैल सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन COVID-19 की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में बताया कि हमने इस नए वैरिएंट की गंभीरता में कोई बदलाव नहीं देखा है, लेकिन वैज्ञानिक इस पर नजर बनाए हुए हैं जिससे पता लग सके कि यह वैरिएंट कितना खतरनाक और संक्रामक है. WHO के वैज्ञानिकों ने इस वैरिएंट के फैलने की आशंका जताई है.
मारिया वान केरखोव ने कहा कि हम इस वैरिएंट पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं. इस वायरस से जानवर संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे में मनुष्य भी इसके संपर्क में आ सकते हैं. महामारी अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है.
क्या है डेल्टाक्रॉन
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले हफ्ते “डेल्टाक्रॉन” की पुष्टि की. वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वेरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन दोनों ही वैरिएंट्स से मिलकर बना है. इसमें व्यक्ति एक ही समय में दो वैरिएंट डेल्टा और ओमिक्रॉन से संक्रमित हो सकता है.
कब सामने आया था डेल्टाक्रॉन
इस वैरिएंट की खबरें पहली बार 2022 जनवरी में सामने आईं, जब साइप्रस के एक शोधकर्ता ने कोरोनावायरस के एक नए स्ट्रेन का पता लगाया था. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस वैरिएंट की बॉडी डेल्टा से बनी है और स्पाइक ओमिक्रॉन से.
क्या आपको इससे घबराना चाहिए?
बता दें कि अभी तक इस नए वैरिएंट के बारे में वैज्ञनिकों को ज्यादा जानकारी प्राप्त नहीं हुई है. वैज्ञनिकों के मुताबिक, यह बता पाना अभी काफी मुश्किल है कि यह वैरिएंट कितना खतरनाक और संक्रामक है. ऐसे में इस नए वैरिएंट के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए इंतजार करना होगा. WHO के मुताबिक, अभी तक इस नए वैरिएंट की गंभीरता में कोई बदलाव नहीं देखा गया है. हार्वर्ड टी.एच चैन स्कूल के एपिडेमियोलॉजिस्ट (महामारी विज्ञानी) विलियम हैनेज ने कहा कि अगर इस वैरिएंट के ज्यादा मामले सामने नहीं आते तो लोगों को इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है.
भारत में डेल्टाक्रॉन के मामले
डेल्टाक्रॉन पर विशेषज्ञों का कहना है दुनिया भर के कई देशो में डेल्टाक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आए हैं. वहीं, अगर भारत की बात की जाए तो यहां अभी तक डेल्टाक्रॉन के मामले नहीं देखे गए हैं. हालांकि कुछ मामलों में ओमिक्रॉन और डेल्टा के मिश्रित संक्रमण जरूर देखने को मिल रहे हैं. कोरोना वायरस के इस वैरिएंट को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अफसरों के साथ बुधवार शाम एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में इस नए वैरिएंट की रिपोर्ट्स पर नजर रखने के लिए कहा गया. भारत में कोरोना संक्रमितों की जीनोम सीक्वेंसिंग करने को भी कहा गया है ताकि इस वैरिएंट के बारे में पता लग सके.
डेल्टाक्रॉन के लक्षण
यूरोप की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी फिलहाल डेल्टाक्रॉन को मॉनिटर कर रही हैं. ऐसे में अभी इस बात का पता लगा पाना काफी मुश्किल है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट कितना खतरनाक है. इसके कोई नए लक्षण भी अभी सामने नहीं आए हैं. ऐसे में NHS की पिछली सलाह के अनुसार, ये कुछ ऐसे लक्षण हैं जिन पर आपको ध्यान देना चाहिए-
– तेज बुखार
– कफ
– सूघंने की क्षमता कम या खत्म होना
– बहती नाक
– थकान मसूस होना
– सिरदर्द
– सांस लेने में दिक्कत
– मांसपेशियों या शरीर में दर्द
– गले में खराश
– उल्टी
– डायरिया
डेल्टाक्रॉन से बचने के लिए क्या करें
वायरस के प्रसार को रोकने के लिए COVID-उपयुक्त नियमों का पालन करना सबसे अच्छा तरीका है. इससे इस वायरस के विकसित होने और बढ़ने की संभावनाओं को कम किया जा सकता है. ऐसे में मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और हाथों की उचित स्वच्छता का पालन करें.