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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आम बजटपेश किया। इस बजट पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी। सीएम भूपेश ने इस बजट को दिशाहीन बजट बताया। उन्होंने कहा कि बजट को लेकर सभी सोच रहे थे कि कुछ न कुछ मिलेगा, लेकिन इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है। भूपेश ने कहा कि इस बजट में युवाओं, बेरोजगारों, महिलाओं और किसानों के लिए कुछ भी प्रावधान नहीं किया गया है। बजट में किसानों की आय दुगुनी करने के लिए कोई बात ही नहीं की गई। पुराने बजट में जितने भी विषय शामिल थे, उसे पूरा करने का कोई प्रावधान नहीं है। सीएम भूपेश ने कहा कि 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही गई थी, वह भी पूरी नहीं हो रही है। कुल मिलाकर यह बजट दिशाहीन है।
इधर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह गौरवशाली, वैभवशाली, समृद्धशाली आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का बजट है। जन आकांक्षाओं को पूरा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 130 करोड़ भारतीयों की भावनाओं का समावेश बजट में किया है। अगले 25 सालों का ब्लू प्रिंट बजट में दिखता है। इस बजट से किसानों की आय दोगुनी होगी, मजबूत अधोसंरचना, स्वस्थ भारत, युवाओं के लिए अवसर, बेहतर शिक्षा, महिला सशक्तीकरण आदि का संकल्प और मजबूत होगा। यह बजट गरीबों को मजबूत बनाएगा और देश के युवाओं के लिए बेहतर भविष्य का सृजन करेगा। यह बजट देश को उन्नति की राह पर ले जाने वाला है। उन्होंने कहा कि बजट में किसानों के लिए MSP का प्रावधान है।
लोन लेने पर 50 साल तक ब्याज भी नहीं लगेगा
60 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात है। नेशनल हाइवे में 25 हजार किलोमीटर सड़क विस्तार की योजना है। 400 नए वंदे भारत ट्रैन चलाने की योजना है। रमन सिंह न कहा कि 48 हजार करोड़ का प्रावधान आवास योजना के लिए रखा गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता का दुर्भाग्य है कि प्रदेश सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के चलते छतीसगढ़ को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। हॉस्पिटल सेक्टर में 5 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्वच्छ पेयजल के लिए 16 हजार करोड़ के अतिरिक्त प्रावधान है। डॉ. रमन ने भूपेश बघेल सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ जैसे राज्य जो हर जगह पैसे मांगते हैं, उनके लिए भी केंद्र सरकार ने लोन योजना बनाई है। विकास कार्यों के लिए एक लाख करोड़ रुपए लोन का प्रावधान किया गया है, जिसमें 50 सालों तक ब्याज नहीं लगेगा।