भूटान ने PM मोदी को दिया देश का सर्वोच्च सम्मान, बिना शर्त दोस्ती निभाने के लिए की प्रधानमंत्री की तारीफ

भूटान (Bhutan) ने शुक्रवार को अपने राष्ट्रीय दिवस (Bhutan National Day) के अवसर पर देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान (Bhutan Highest civilian award) ‘नगदग पेल जी खोरलो’ (Ngadag Pel gi Khorlo) भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को देने की घोषणा की. भूटान के प्रधानमंत्री (Bhutan Prime Minister) लोतेय शेरिंग (Lotay Tshering) ने सोशल मीडिया पर कहा कि उन्हें यह सुनकर बेहद खुशी हुई कि सर्वोच्च नागरिक अलंकरण ‘नगदग पेल जी खोरलो’ के लिए नरेंद्र मोदी जी के नाम की घोषणा की गई है.

लोतेय शेरिंग ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी शर्त के मित्रता निभाई है और इन वर्षों में विशेष रूप से कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के दौरान काफी मदद की है. भूटान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने फेसबुक पर एक बयान में कहा, वह इस सम्मान के हकदार हैं. भूटान के लोगों की ओर से बधाई. सभी मुलाकातों में प्रधानमंत्री मोदी को महान, आध्यात्मिक व्यक्ति पाया. व्यक्तिगत रूप से सम्मान का जश्न मनाने के लिए उत्सुक हूं. शेरिंग ने भूटान के राष्ट्रीय दिवस (National Day of Bhutan) पर अपने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं.

भूटान में भारत ने कई परियोजनाओं को किया पूरा

विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और भूटान (India-Bhutan Relations) के बीच पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक अंतर्संबंध द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण तत्व रहा है. भारत भूटान का सबसे बड़ा व्यापार और विकास भागीदार बना हुआ है. भारत ने भूटान में कई विकास परियोजनाओं को अपनी सहायता प्रदान की है. इसमें 1020 मेगावाट की ताला जलविद्युत परियोजना (Tala Hydroelectric Project), पारो एयरपोर्ट (Paro Airport) और भूटान ब्रॉडकास्टिंग स्टेशन (Bhutan Broadcasting Station) शामिल है.

भूटान को सरकार ने भेजी वैक्सीन

इसके अलावा, भारत भूटान का एक प्रमुख व्यापार भागीदार भी है, जिसमें दोनों देशों के बीच एक मुक्त व्यापार व्यवस्था मौजूद है. वास्तव में भूटान पहला देश था, जिसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित कोविड वैक्सीन को सरकार द्वारा गिफ्ट के रूप में भेजा गया था. इस साल की शुरुआत में जनवरी में भूटान को गिफ्ट के रूप में भारत से कोविशील्ड वैक्सीन की 1.5 लाख डोज की पहली खेप मिली थी. वहीं, भारत ने बाद में भी भूटान को चार लाख वैक्सीन डोज गिफ्ट के रूप में दिया था. इस तरह कोरोना महामारी के दौरान हिमालयी देश में वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी.