भिलाई को आज मिलेगा पांचवा महापौर, बहुमत के बाद भी Congress को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर

भिलाई: सूबे के सबसे हॉट और चर्चा में रहने वाले भिलाई नगर निगम  के लिए आज महापौर चुना जाएगा. भिलाई को आज उसका पांचवा महापौर मिलने जा रहा है. 20 दिसंबर को पूर्ण हुए मतदान और 23 दिसम्बर की मतगणना में कांग्रेस (Congress) को बहुमत के साथ 37, बीजेपी (BJP) को 24 और निर्दलीयों को 9 सीटें मिली हैं. इसलिए कांग्रेस 70 सीटों में से 37 सीटें पाकर पूर्ण बहुमत में है, लेकिन कांग्रेस का महापौर बन पाना इतना भी आसान नहीं है. कहां पलट सकता है खेल, देखिए

दिल्ली तक दौड़
दरअसल वरिष्ठ पार्षद जो 4 से 5 बार जीत कर आए हैं, वो यह नहीं चाहेंगे कि किसी जूनियर व्यक्ति को महापौर या किसी जूनियर व्यक्ति को सभापति बना दिया जाए. वरिष्ठ पार्षद अपने नाम के लिए जुगाड़ में लगे हैं. वहीं वरिष्ठ पार्षदों ने कई पार्षदों को अपने लिए लामबंद कर रखा है. कई पार्षद तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने दिल्ली तक दौड़ लगा ली है और अपने पसंदीदा नेताओं से सीएम हाउस में फोन तक करवाया क्योंकि सीएम भूपेश बघेल का गृह जिला होने के चलते पूरे प्रदेश की निगाहें भिलाई पर टिकी हैं.

 

सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथ

भिलाई के 70 वार्ड टाउनशिप और कॉलोनी में बटे हुए हैं, जिसके अंतर्गत 2 विधानसभा क्षेत्र भी आते हैं. भिलाई नगर विधानसभा और वैशाली नगर विधानसभा कांग्रेस के पास बहुमत जरूर है, लेकिन उसे क्रॉस वोटिंग का भी जबरदस्त डर सता रहा है, क्योंकि यदि मेयर का नाम पार्षदों को स्वीकार नहीं हुआ तो वो जरूर क्रॉस वोटिंग करेंगे. भिलाई नगर मेयर का पद सामान्य सीट के लिए है. इसे लेकर भी कोंग्रेस में मंथन जारी है. ऐसे में कहीं ना कहीं फायदा बीजेपी को होता दिख रहा है. हालांकि बीजेपी बहुमत से कोसों दूर है, लेकिन फिर भी यदि क्रॉस वोटिंग हुई तो बीजेपी को फायदा हो सकता है. बीजेपी के पास 24 सीटें हैं और वहीं 9 निर्दलीय भी हैं. अब सत्ता की चाबी निर्दलीयों के हाथों में है. निर्दलीय किस ओर जाएंगे ये जल्द पता चलेगा.

पार्षदों को किया नजरबंद
कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए समस्या गंभीर दिखाई दे रही है. कांग्रेस इस बात को समझती है इसलिए कांग्रेस ने अपने सभी पार्षदों को नजरबंद कर रखा है. एक कमरे के अंदर सारे पार्षदों को रखा गया है. पार्षद कहां हैं यह किसी को भी नहीं पता. पार्षद जब शपथ लेंगे उसके बाद महापौर के एक प्रत्याशी का नाम फाइनल किया जाएगा और सभापति स्पीकर के लिए भी एक नाम फाइनल किया जाएगा. सभी पार्षद बैलेट के माध्यम से उसे वोट करेंगे और शहर का पांचवा महापौर चुनेंगे.