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NV NEWS नारायणपुर :- जिले में रविवार और सोमवार की दरमियानी रात भरांडा के जंगलों में हुए पुलिस -नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताया जा रहा है.
मुठभेड़ में मारे गए मृतक के परिजनों ने पुलिस पर फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है, परिजनों का कहना है कि जिसे पुलिस नक्सली बताकर एनकाउंटर की है वह नक्सली नहीं बल्कि खुद DRG जवान का भाई है. जो बस्तर फाइटर्स में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे नक्सली बताकर उसकी हत्या कर दी. मुठभेड़ के बाद सोमवार शाम मृतक के परिजन नारायणपुर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और इसकी शिकायत कलेक्टर से की, खुद मृतक का भाई DRG जवान ने उसके भाई को बेकसूर बताया है और जवान ने उसकी भाई से नक्सलियों की कोई ताल्लुकात नहीं होने का दावा किया है. जवान का कहना है कि पुलिस अपनी वाहवाही लूटने के लिए फर्जी मुठभेड़ कर उसके भाई की हत्या कर दी. इधर पुलिस द्वारा इस मामले में रविवार और सोमवार की दरमियानी रात मारे गए मृतक की शिनाख्त सोमवार दोपहर तक भी नहीं की. वहीं मारे गए मृतक का नाम उनके परिजनों ने मानु नुरेटी बताया है और इस फर्जी एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग की है
फर्जी मुठभेड़ का लगाया परिजनों ने आरोप
नारायणपुर पुलिस अपनी फर्जी मुठभेड़ की वजह से विवादों में घिरते नजर आ रही है. पुलिस ने नक्सलियों से हुए मुठभेड़ के दौरान जिस ग्रामीण को नक्सली बताकर एनकाउंटर में मार गिराया और उसे सेक्शन कमांडर रैंक का अधिकारी बताया. उसकी पहचान गांव के ग्रामीणों ने मानू नुरेटि के रूप में की है. मुठभेड़ में मारे गए मृतक का भाई जो खुद पुलिस में DRG में पदस्थ है उसने अपने ही पुलिस विभाग पर उसके भाई की फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है. मृतक के भाई का कहना है कि उसका भाई बस्तर फाइटर्स में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहा था और इसके लिए उसने फॉर्म भी भरा था. उसने बताया कि उसके भाई का नक्सलियों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था बल्कि उसका भाई उसी की तरह पुलिस में भर्ती होना चाहता था. लेकिन भराँडा के जंगलों में DRG के जवानों ने उसके भाई को नक्सली बताकर मौत के घाट उतार दिया. इस घटना के बाद मृतक के परिजन नारायणपुर मुख्यालय पहुंचकर जिला कलेक्टर से मुलाकात की और इस फर्जी एनकाउंटर की न्यायिक जांच की भी मांग की है और दोषियों को सजा देने की भी मांग मृतक के परिजनों ने की है.
जांच कर रही पुलिस इधर खुद नारायणपुर जिले के कप्तान गिरी शंकर जायसवाल ने मारे गए ग्रामीण को नक्सली बताया था और उसकी शिनाख्त करने की बात कही थी. वहीं मृतक के परिजनों के आरोपो को लेकर एसपी ने कहा कि मारे गए नक्सली के खिलाफ पुलिस डिटेल खंगाल रही है. वह नक्सलियों के साथ मिलीभगत था, फिलहाल यह जांच का विषय है और पुलिस भी इसकी जांच कर रही है. इधर मारे गए कथित नक्सली के पास से आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज में मिले हैं. जिसे साक्ष्य के तौर पर मृतक के परिजनों ने जिला कलेक्टर को दिखाया, साथ ही मृतक मानु नुरेटी को पूरी तरह से बेकसूर बताते हुए पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाया है.