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2015 में फ़रीदकोट ज़िले के बहबल कलां में सिख धर्म के पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के साथ छेड़छाड़ के मामले में भारी विरोध-प्रदर्शन हुआ था. प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गई थी.
कहा जाता है कि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन की बुरी हार में इस घटना की भी अहम भूमिका थी.
एक बार फिर से चुनाव से पहले पंजाब के स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब के साथ बेअदबी का मामला शनिवार शाम को सामने आया और जिस व्यक्ति पर ये करने का आरोप है, उसे पीट-पीट कर मार डाला गया.
इससे पहले अक्टूबर महीने में भी सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के दौरान कथित बेदअदबी मामले में निहंगों ने एक व्यक्ति को मारकर टेंट के बाहर उसके शव को लटका दिया था. उस व्यक्ति पर भी गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान का आरोप था.
स्वर्ण मंदिर में क्या हुआ
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को जो कुछ भी हुआ उसे लेकर डीसीपी परमिंदर सिंह भंडाल ने मीडिया को बताया कि एक व्यक्ति की पिटाई से मौत हो गई है.
उन्होंने कहा कि मृत युवक की उम्र 20 से 25 साल है और उसने पीला पटका ओढ़ रखा था. डीसीपी ने कहा कि पहले वह संगत में शांति से खड़ा था लेकिन अचानक शख़्स बाड़ को पार करके रुमाला साहिब के पास पहुंचा और तलवार उठाई.
डीसीपी के अनुसार, ग़ुस्साई भीड़ उसे बाहर लेकर आई और पिटाई से उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा, ”शव को मुर्दाघर में भेज दिया गया है और रविवार को पोस्टमॉर्टम होगा. पुलिस को कोई पहचान पत्र नहीं मिला है लेकिन सीसीटीवी फुटेज में देखा जा रहा है कि उसके साथ और कौन था.”
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पूरे मामले पर तीन ट्वीट किए हैं. मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया है, ”गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और घृणित कोशिश की मैं कड़ी निंदा करता हूं. मैंने एसजीपीसी के अध्यक्ष को फ़ोन कर आश्वस्त किया है कि इस मामले में सरकार पूरी तरह साथ खड़ी है.”
वहीं पंजाब के पाँच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने भी इसे हैरान करने वाला और दुखद बताते हुए इसकी निंदा की है. इसी तरह पंजाब की सारी पार्टियों ने इस घटना की निंदा की है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ”आज श्री दरबार साहिब में हुई बेअदबी की घटना बेहद दुखदायी है. सब लोग सदमे में हैं. ये बहुत बड़ी इसे हैरान करने वाला और दुखद बताते हुए इसकी निंदा की है. इसी तरह पंजाब की सारी पार्टियों ने इस घटना की निंदा की है.
चश्मदीद क्या बोले
चश्मदीद ने पहचान नहीं ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया कि वो व्यक्ति दर्शन के लिए लाइन में लगा हुआ था लेकिन अचानक वो गुरु ग्रंथ साहिब वाले घेरे में चला गया और सोने की तलवार उठाने की कोशिश की.
एक और चश्मदीद ने बताया कि वो व्यक्ति फूल वाली थाली उठाने की कोशिश कर रहा था. वहीं बलजिंदर सिंह नाम के एक चश्मदीद ने अख़बार से बताया कि उन्होंने उस व्यक्ति की दो उंगलियां तोड़ दीं.
बलजिंदर ने कहा, ”जब हमने उसकी पहचान के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो ख़ुद के बारे में नहीं जानता है. उसके बाद संगत के लोगों ने मारना शुरू किया और उसकी मौत हो गई.”
अधिकारियों ने कहा कि शाम की अरदास का लाइव प्रसारण होता है और इस दौरान उस व्यक्ति की हरकत भी लाइव में गई. इसके बाद लोगों की भीड़ तेज़ी से जुट गई.
घटना की टाइमिंग को लेकर सवाल
अकाल तख़्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि चुनाव के समय यह जान-बूझकर किया गया काम हो सकता है, बेअदबी करने वाले को अगर संगत ने मार डाला है तो इसके लिए सरकार या साज़िशकर्ता ज़िम्मेदार हैं.
उन्होंने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कुछ दिनों पहले स्वर्ण मंदिर के सरोवर में गुटका साहिब के पन्ने फेंके गए थे और अब दोबारा पागल इंसान ने बेअदबी की कोशिश की है.”
SAD (D) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा, “मैं उस युवक को तुरंत पकड़ने की मुस्तैदी और ग्रंथी का पाठ जारी रखने की तारीफ़ करना चाहूंगा. और उसी समय ईशनिंदा का काम करने वाली हरकत के लिए ज़िम्मेदार शख़्स की हत्या को मैं सही ठहराऊंगा.”
उन्होंने आरोप लगाया कि बेदअबी के मामलों को सुलझाने में कांग्रेस सरकार की नाकामयाबी के कारण इस तरह के मामले दोबारा हो रहे हैं.
उन्होंने इस मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि यह पता चलना चाहिए कि चुनाव के समय ऐसे मामले क्यों सामने आते हैं.