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NV News – देश की सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ पूरी तरह से रुके, इसके लिए हमारे जवान बलिदानी नहीं हों इस दिशा मे केंद्रीय सीमा बल यानी बीएसएफ ने कदम बढ़ा दिए हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस दो रोबोट पंजाब में बार्डर पर सर्विलांस में तैनात किए जा चुके हैं। ये रात में बार्डर की निगरानी करते हैं। किसी भी प्रकार की गतिविधि होने पर बीएसएफ को सतर्क कर देते हैं। हालांकि अभी दो रोबोट के जरिये बार्डर की सुरक्षा का परीक्षण शुरू किया गया है, पूरी तरह सफलता मिलते ही जल्द ही देश के तमाम बार्डर पर इसी प्रकार से सर्विलांस की व्यवस्था की जाएगी। ये सर्विलांस रोबोट नोएडा की रिगार्ड नेटवर्क सोल्यूशन और डीटाउन रोबोटिक कंपनी का ज्वाइंट वेंचर है। 95 प्रतिशत तक मेक इन इंडिया उत्पादों से तैयार रोबोट में सिर्फ चिप कोरिया की इस्तेमाल की गई है।
जरूरत के हिसाब से होगा रोबोट में बदलाव
इस बाबत डीटाउन रोबोटिक्स कंपनी के चीफ टेक्निकल आफिसर मानस उपाध्याय ने बताया कि हाल ही में कंपनी ने रोबोट के जरिये बार्डर सर्विलांस का डेमो गृह मंत्रालय को दिया था। तभी मंत्रालय के निर्देश के बाद ही बीएसएफ ने दो रोबोट खरीदे थे। इसके अलावा दो और रोबोट पंजाब बार्डर पर परीक्षण के लिए लगाए थे। बार्डर सर्विलांस की ग्राउंड टेस्टिंग के साथ रोबोट में जो बदलाव किए जाने की जरूरत होगी, उसे बीएसएफ की आवश्यकतानुसार कंपनी पूरा करेगी।
विजन कैमरे की खूबियों लैस है रोबोट
डीटाउन रोबोटिक के संस्थापक व सीईओ अविनाश चंद्र पाल ने बताया कि एक-एक मीटर बड़े दो रोबोट बीएसएफ ने खरीदे हैं। उनमें भी बदलाव कराया है। इसमें बार्डर की निगरानी के लिए नाइट विजन कैमरा लगवाया गया है। जिससे रात में बार्डर पर होने वाली गतिविधियों पर बीएसफ द्वारा बारीकी से नजर रखी जा सके। रोबोट में फ्लैश लाइट लगाई गई है। ताकि बार्डर पर रोबोट जब निगरानी कर रहा हो, उस दौरान कहीं घुसपैठ करने का प्रयास किया जाए तो तुरंत फ्लैश लाइट से यह संकेत मिल सके कि किसी को बार्डर के पास टार्च लाइट से देखा जा रहा है। इसके अलावा अन्य बार्डर पर किस तरह के रोबोट की जरूरत है, उनकी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
जय जवान जय किसान टैग लाइन
रिगार्ड नेटवर्क सोल्यूशन संस्थापक एवं एमडी पवन दुबे ने बताया कि च्वाइंट वेंचर के तहत दोनों कंपनी एकजुट होकर काम करती हैं, इसकी टैग लाइन जय जवान, जय किसान दी गई है।
जानिये रोबोट की क्षमता के बारे में
- सबसे छोटा रोबोट : न्यूनतम 30 सेंटीमीटर
- सबसे बड़ा रोबोट : अधिकतम 1.5 मीटर
- कीमत प्रति रोबोट : 35 से 55 लाख रुपये
- बैटरी बैकअप : दो से आठ घंटा
- वजन उठा सकता है : 1000 किलो, जरूरत पड़ने पर स्ट्रेचर आदि पर भार भी उठा सकता है।
- कार्य क्षमता : हर प्रकार की जलवायु और स्थिति में सक्षम