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NV News:- अंबिकापुर,फर्जी कंपनी के झांसे में आकर दो करोड़ की ठगी के शिकार शहर के बौरीपारा निवासी व्यवसायी गुरुपद जायसवाल(60) की होटल में फांसी पर लटकी लाश मिली। बौरीपारा में खुद का पुश्तैनी मकान होने के बाद भी पारिवारिक और आर्थिक कारणों से पिछले कई महीनों से व्यवसायी गुरुपद जायसवाल शहर के नमनाकला में किराए के मकान में निवास कर रहे थे।
बुधवार सुबह से वे घर से निकले थे।शाम तक घर वापस नहीं लौटने पर स्वजन उनकी खोजबीन में लगे थे। लगातार मोबाइल पर घण्टी जा रही थी लेकिन व्यवसायी गुरुपद जायसवाल फोन रिसीव नहीं कर रहे थे। गुरुवार की सुबह उनके एक रिश्तेदार रास्ते से गुजर रहे थे। होटल के सामने उनकी वाहन देखकर घरवालों को फोन किया गया।
स्वजन मौके पर पहुंचे तो पता चला कि गुरुपद जायसवाल इसी होटल के कमरे में बुधवार दोपहर 12 बजे से रुके हुए है। संदेह होने पर पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने स्वजन के समक्ष होटल के कमरे का दरवाजा खोला तो व्यवसायी गुरुपद जायसवाल की फांसी पर लटकी लाश मिली। कमरे के बेड के ऊपर उनकी फांसी पर लटकी लाश थी। पंखा में उन्होंने रस्सी का फंदा बनाया था।
बेड पर ही उनका चश्मा,मोबाइल रखा हुआ था। इसी कमरे में दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला। इसके अलावा एक कापी भी मिली है। कापी में मृतक व्यवसायी गुरुपद जायसवाल ने कई महीनों से कई पन्नों में जीवन में हो रहे घटनाक्रम का उल्लेख किया है। व्यवसायी गुरुपद जायसवाल कोलकाता की एक कथित कंपनी के झांसे में फंस गए थे। कंपनी ने उन्हें झांसा दिया था कि उन्हें यूरेनियम का भंडार मिला है।
यह अनुमति प्राप्त खदान है। कंपनी द्वारा यूरेनियम का शोधन किया जाएगा। इसमें राशि निवेश करने पर कई गुना लाभ होगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दो करोड़ निवेश के बाद कुछ काम नहीं होने पर उन्होंने संबंधित लोगों पर दबाब बनाया तब उन्हें कथित रूप से दो हजार करोड़ का भारतीय रिजर्व बैंक का चेक जारी कर दिया गया था। बैंक में पता करने पर जानकारी मिली कि ऐसा कोई चेक नहीं होता है।यह फर्जी चेक किया इसके बाद गुरुपद जायसवाल कोलकाता भी गए थे लेकिन न तो कंपनी का पता चला और न ही वे लोग मिले। उस दौरान शहर लौटने के बाद उन्होंने व्यथित होकर हाथ की नस काट आत्महत्या की कोशिश की थी।बरामद सुसाइड नोट में पारिवारिक और आर्थिक परेशानियों,कथित कंपनी में करोड़ों के निवेश था धोखाधड़ी का शिकार होने स्थानीय लोगों, कुछ परिचितों, रिश्तेदारों द्वारा रुपये वापस करने दबाब बनाने का भी उल्लेख है। पुलिस सुसाइड नोट तथा कापी को जब्त कर जांच शुरू कर दी है। इसमें नामजद लोगों के साथ रुपये लेन देन ,विवाद और ठगी का उल्लेख किया गया है।
यूरेनियम के धंधे में बड़ी रकम निवेश कर ठगी के हुए शिकार
गुरुपद जायसवाल शहर के पुराने जायसवाल परिवार के सदस्य थे। उनकी पैतृक संपत्ति बौरीपारा में थी। उन्होंने अपने जीवन में कई व्यवसाय किया। पिछले दिनों वे कोलकाता की कथित कंपनी के झांसे में आ गए थे। कोलकाता की कथित कंपनी द्वारा यूरेनियम के धंधे में निवेश करने पर कई गुना अधिक लाभ होने का झांसा दिया था। इसमें लगभग उन्होंने दो करोड़ रुपये निवेश कर दिया था। बाद में उन्हें मूलधन भी नहीं मिला। जालसाजों से उनका विवाद भी हो गया था। थाना ,न्यायालय तक यह मामला कथित रूप से पहुंचा था