अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के बाद कैसा नजर आएगा 3D मॉडल हुआ तैयार, देखें वीडियो – NVन्यूज़

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NV न्यूज़ – श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से 3D वीडियो जारी किया गया है। ये एनिमेटेड वीडियो है जिसमें बन रहे राम मंदिर के प्रारूप को विस्तार से दिखाया गया है। ट्रस्ट के अनुसार दिसंबर 2023 तक भक्तों को भगवान श्रीराम के दर्शन का अवसर मिल सकेगा।

अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी से जारी है। ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने एक वीडियो जारी किया है जो दर्शाता है कि राम मंदिर बन जाने के बाद कैसा नजर आएगा।

ट्रस्ट ने एक 3डी वीडियो ट्वीट किया है। ये एनिमेटेड वीडियो है जिसमें बन रहे राम मंदिर के प्रारूप को विस्तार से दिखाया गया है। पूरा वीडियो 6 मिनट से ज्यादा का है। वीडियो में मंदिर के पिलर, गलियारा, मंदिर परिसर आदि की रूपरेखा को दिखाया गया है

राम मंदिर के निर्माण कार्य का तीसरा चरण

पिछले ही महीने के आखिर में ट्रस्ट ने जानकारी दी थी कि राम मंदिर के निर्माण कार्य का तीसरा चरण शुरू हो गया है। ट्रस्ट के अनुसार दिसंबर 2023 तक भक्तों को भगवान श्रीराम के दर्शन का अवसर मिल सकेगा।

मंदिर के निर्माण कार्य के पहले दो चरणों में, नींव आदि तैयार किए गए थे। ट्रस्ट ने कहा कि तीसरा चरण शुरू हो गया है जिसमें ‘प्लिंथ’ (चबूतरे) का निर्माण भी शामिल है।

मंदिर के निर्माण कार्य के पहले दो चरणों में, नींव आदि तैयार किए गए थे। ट्रस्ट ने कहा कि तीसरा चरण शुरू हो गया है जिसमें ‘प्लिंथ’ (चबूतरे)का निर्माण भी शामिल है। मंदिर के निर्माण कार्य के पहले दो चरणों में, नींव आदि तैयार किए गए थे। ट्रस्ट ने कहा कि तीसरा चरण शुरू हो गया है जिसमें ‘प्लिंथ’ (चबूतरे)का निर्माण भी शामिल है।

मंदिर भवन के लिए आधार का काम करने वाले चबूतरे पर मंदिर के मुख्य ढांचे का निर्माण किया जाएगा। ‘प्लिंथ’ के निर्माण में 5 फुट, 2.5 फुट और 3 फुट आकार के करीब 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया जाएगा। हर ऐसे पत्थर का वजन करीब 2.50 टन है। ग्रेनाइट पत्थर लगाने का काम मई तक पूरा हो जाने की संभावना है।

‘प्लिंथ’ का काम पूरा होने के बाद मंदिर के मुख्य ढांचे का वास्तविक निर्माण शुरू होगा। गौरतलब है कि लार्सन एंड टुब्रो कंपनी मंदिर का निर्माण कार्य कर रहा है और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स इस कार्य में उसकी मदद कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के नवंबर, 2019 के फैसले के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को फरवरी 2020 में मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

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