पुण्य का काम बताकर लोगों से लेते थे किडनी, न्यायिक हिरासत में भेजा गया डाक्टर

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NV News:-   किडनी रैकेट के आरोपी गरीब व अशिक्षित लोगों को किडनी दान करना पुण्य का काम बताकर उनकी किडनी लेते थे। आरोपियों के मोबाइल से ऐसे वीडियो मिले हैं जो किडनी डोनर व रिसीवर के हैं।

वीडियो दिखाकर ये पीड़ितों को किडनी बेचने के लिए तैयार करते थे। इधर, गिरफ्तार आरोपी डाक्टर प्रियांश शर्मा उर्फ समीर का एक दिन का पुलिस रिमांड शनिवार को खत्म हो गया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

पुलिस ने बताया कि किडनी रैकेट के मास्टर माइंड कुलदीप विश्वकर्मा उर्फ केडी समेत अन्य आरोपियों के मोबाइल से काफी वीडियो मिले हैं। इनमें ज्यादातर वीडियो तीन से चार मिनट के हैं। इनमें किडनी दान को पुण्य का काम बताया गया है। उन्होंने बताया कि वह अपने गिरोह के सदस्यों को इन वीडियो को दिखकर किडनी देने वाले ज्यादा से ज्यादा लोग लाने के लिए कहता था। वीडियो दिखाने के बाद लोग जल्द ही इनके झांसे में आ जाते थे। कुलदीप के मोबाइल की सर्च हिस्ट्री से पता लगा है कि वह मोबाइल पर दिनभर किडनी से संबंधित चीजें ही देखता रहता था। इस वजह से उसे किडनी के बारे में काफी जानकारी थी। इसी का फायदा उठाकर वह लोगों को झांसे में लेता था।

दो आरोपियों की हुई पहचान
हौजखास पुलिस ने दो और आरोपियों की पहचान कर ली है। इन आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। ये आरोपी भी किडनी डोनर ढूंढकर लाते थे और किडनी प्रत्यारोपण में सहायता करते थे। पुलिस किडनी रैकेट में अभी तक दो डॉक्टर समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

पैसे के विवाद में पहले रैकेट से हुआ था अलग
कुलदीप इससे पहले दूसरे किडनी रैकेट में काम करता था। ये रैकेट जयपुर, राजस्थान में चल रहा है। इस रैकेट में भी कुलदीप किडनी प्रत्यारोपण करता था। राजस्थान वाले गिरोह के लोग इसे कम पैस देने लगे थे। इस वजह से उसका उन लोगों से विवाद हो गया था। इसके बाद ये गिरोह से अलग हो गया और दिल्ली में अपना किडनी रैकेट चलाने लगा।

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