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NV News:- 100 घंटे से ज्यादा बोरवेल की सुरंग में रहने के बाद 11 साल का राहुल ने जो हिम्मत, साहस और धैर्य दिखाई है वह साधारण नहीं है। ऐसी स्थिति में किसी का भी मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा। लेकिन यह चमत्कारी ही है इतनी गहराई में संकरी जगह पर 4 दिन तक राहुल फंसा रहा लेकिन उसने अपना मनोबल नहीं खोया।
एनडीआरएफ , एसडीआरएफ , लोकल पुलिस और बीएसएफ के जवान पिछले 4 दिनों से लगातार खुदाई, सुरंग बनाने का कार्य, और ड्रिलिंग के जरिए राहुल तक पहुंचने का प्रयास कर रहे थे।
राहुल की तबीयत में आ रहा सुधार
राहुल का बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनकी तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि राहुल पहले से स्वस्थ है घबराने की जरूरत नहीं है। फिजिकल ट्रीटमेंट चल रहा है लेकिन मनोवैज्ञानिक इलाज और देखरेख की भी जरूरत पड़ेगी।
आधी रात को धरती का सीना चिरकर बाहर आया राहुल
पिछले 24 घंटों से राहुल की सुरंग से बाहर निकलने की लगातार खबरें आ रही थी लेकिन जैसे ही राहुल के पास पहुंचने में सफलता मिलने वाला रहता फिर एक नई चुनौती चट्टान के रूप में आ जाता। चट्टान को तोड़ने में ही 8 से 10 घंटे का समय लग गया। कल रात 12 बजे के करीब रेस्क्यू टीम ने राहुल को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। मौके पर उपस्थित मेडिकल टीम द्वारा प्राथमिक उपचार करने के बाद तत्काल बिलासपुर लाया गया। जांजगीर से बिलासपुर अपोलो हॉस्पिटल तक ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया गया था।
सीएम बघेल ने दी बधाई
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 10 जून की घटना के बाद से लगातार अधिकारियों के संपर्क में थे। राहुल की पल पल का अपडेट ले रहे थे। रेस्क्यू टीम द्वारा राहुल को सुरक्षित बाहर निकालने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने ट्वीट कर कहा…104 घंटे तक चली दुष्कर ऑपरेशन के बाद राहुल सुरंग से बाहर, जिंदगी ने दी मौत को मात, हौसला के सामने हारी मुसीबत।