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N.V.News बिलासपुर: बजट और विकसित भारत पर चर्चा के बीच तोखन के अनुभव से रोमांचित हो उठे युवा
पूर्वोत्तर के राज्यों में हर महीने दौरे कर योजनाओं की मैदानी समीक्षा करना, देर रात तक जागकर भी मंत्रिमंडल के साथियों से चर्चा करते रहना, अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को भी जनकल्याणकारी योजनाओं लाभ मिले ये सुनिश्चित करना। ये सबकुछ अब हकीकत है, और ये सबकुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार की कार्यशैली में हर रोज का काम हो गया है।
सीमा पर कंटीली बाड़ेबंदी, खतरनाक मौसम और घुसपैठ के खतरों के बीच मैंने देश के जवानों के साथ बांग्लादेश सीमा पर कई किलोमीटर पैदल घूमकर उनका अनुभव जाना है। हुसैनीवाला बॉर्डर पर पाकिस्तान से लगती सीमा के करीब देश के शहीदों को नमन करने के दौरान भावनाओं का ज्वार उमड़ पड़ता है।
ये सबकुछ सुनकर बिलासपुर के केंद्रीय राज्यमंत्री कार्यालय का कांफ्रेंस हॉल तालियों से रह-रहकर गूंजने लगता था। मौका था बजट 2025 की विकसित भारत निर्माण में भूमिका पर आयोजित युवा संवाद का जिसमें केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्यमंत्री ने ऐसे तमाम किस्से और अनुभव प्रदेश और देश के अन्य राज्यों के युवाओं के साथ साझा किए। ”
युवा संवाद – 2025″ न केवल एक संवाद मंच था, बल्कि यह युवाओं को सरकार की नीतियों को समझने और उनके प्रभावों पर विचार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करता है। बजट 2025 पर तोखन के साथ चर्चा को लेकर युवाओं में जबरदस्त उत्साह और जिज्ञासा देखी गई।
कार्यालय, केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री और जीवन संस्कार सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में “युवा संवाद – 2025” का आयोजन किया गया। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू के कार्यालय में आयोजित हुआ जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बजट 2025 की विकसित भारत निर्माण में भूमिका पर चर्चा था। संवाद में अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
संवाद सत्र की शुरुआत में केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन ने युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत के “विकसित भारत 2047” के विजन को रेखांकित करते हुए बताया कि बजट 2025 इस दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि यह बजट देश की आर्थिक मजबूती के साथ-साथ युवाओं, किसानों, उद्यमियों और समाज के हर वर्ग के विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। अपने भाषण में उन्होंने छत्तीसगढ़ के लिए बजट में शामिल योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास, औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार, कृषि क्षेत्र में नवाचार और शहरी विकास को गति देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
कार्यक्रम में मौजूद युवाओं ने बजट पर अपनी जिज्ञासाएं और विचार साझा किए। शिक्षा, रोजगार, स्टार्टअप्स, डिजिटल अर्थव्यवस्था और कृषि सुधार जैसे विषयों पर उन्होंने अपने प्रश्न रखे जिनका उत्तर केंद्रीय राज्यमंत्री ने विस्तार से दिया।
केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू ने कहा कि सभागार में मौजूद युवाओं की भागीदारी और उनके उत्साह को देखते हुए यह स्पष्ट हुआ कि वे न केवल सरकार की नीतियों को समझने में रुचि रखते हैं, बल्कि नीति-निर्माण की प्रक्रिया में भी सक्रिय रूप से भाग लेना चाहते हैं। कुछ ऐसा ही लक्ष्य है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी। पीएम चाहते हैं कि देशभर से 1 लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाया जा सके जिनकी कोई भी राजनीतिक पृष्ठभूमि न हो।
उन्होंने युवाओं के साथ संवाद स्थापित करते हुए बजट के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। अपने संबोधन में अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कुलपति बाजपेई ने बताया कि बजट केवल एक वित्तीय दस्तावेज नहीं होता, बल्कि यह देश के भविष्य की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने वाला महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने युवाओं से सीधा संवाद करते हुए बजट के विभिन्न आयामों पर सवाल पूछे, जिससे उनकी समझ को परखा जा सके। साथ ही, उन्होंने बजट 2025 में शामिल नई नीतियों और सुधारों के बारे में जानकारी दी, जिससे युवा न केवल बजट की बारीकियों को समझ सकें, बल्कि इसकी गहरी आर्थिक और सामाजिक पृष्ठभूमि को भी जान पाएं। उन्होंने सरकार के वित्तीय प्रबंधन, राजकोषीय घाटे, पूंजीगत व्यय, कर सुधारों और सरकारी योजनाओं के प्रभाव पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम ने बजट को केवल एक तकनीकी और वित्तीय विषय तक सीमित न रखते हुए इसे युवाओं के भविष्य और देश के समग्र विकास से जोड़ने का सफल प्रयास किया। इस संवाद ने युवा वर्ग को सरकार की नीतियों और बजट की संरचना को गहराई से समझने का अवसर दिया, जिससे वे न केवल अपने विचारों को प्रकट कर सके, बल्कि नीति-निर्माण की प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन सके। संवाद में छात्रों ने भी विशेष जोश और उत्साह दिखाया। विभिन्न मंत्रालयों (आवास एवं शहरी कार्य, वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क परिवहन, कृषि, और उद्योग मंत्रालय) से जुड़े बजट प्रावधानों पर उन्होंने अपने विचार रखे। युवाओं ने खासतौर पर इस बजट में स्टार्टअप्स और उद्यमशीलता को दी गई प्राथमिकता पर अपने सुझाव दिए । “युवा संवाद – 2025” ने युवाओं और सरकार के बीच सार्थक विचार-विमर्श की एक मजबूत नींव रखी और उन्हें देश के आर्थिक विकास में अपनी भूमिका को और अधिक सक्रिय रूप से निभाने के लिए प्रेरित किया। इस आयोजन ने “विकसित भारत 2047” के सपने को साकार करने की दिशा में युवाओं की भागीदारी को और अधिक सशक्त बनाया।
श्रावणी पुरी ने वित्त मंत्रालय की नीतियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बजट 2025 में शामिल 12 लाख रुपये तक के कर लाभ (टैक्स बेनिफिट), एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये के फंड, और अनुसंधान एवं विकास (R&D) के क्षेत्र में सरकार के प्रयासों को सराहा। उन्होंने कहा कि सरकार के इन नीतिगत प्रयासों के कारण अब युवा कृषि क्षेत्र में भी गहरी रुचि दिखा रहे हैं और यह जानना चाहते हैं कि बजट 2025 कृषि क्षेत्र में नवाचार और उद्यमशीलता को कैसे बढ़ावा देगा।
सतीश सिंह ने आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव द्वारा प्रस्तुत किए गए “चार स्तंभ” – गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी की अवधारणा से सभा को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि सरकार ने दो लाख नए शौचालयों और 20 हजार सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है, जो स्वच्छता और शहरी बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाएंगे। साथ ही, उन्होंने प्रधानमंत्री ई-बस सेवा की जानकारी देते हुए इसके लाभों पर प्रकाश डाला, जिससे छोटे शहरों और टियर-2, टियर-3 नगरों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाएगा।
सृजन मजूमदार ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्रॉडकास्टिंग, मीडिया साक्षरता और देश की प्रगति का ब्लूप्रिंट विषय पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बजट से जुड़े विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख करते हुए “इंडिपेंडेंट एआई फॉर इंडिया”, 5G नेटवर्क, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 500 करोड़ रुपये के बजट पर विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों में सरकार के निवेश से मीडिया, संचार और डिजिटल नवाचार के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी और भारत को वैश्विक स्तर पर तकनीकी रूप से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
सीयू में रूरल टेक्नोलॉजी की छात्रा सुप्रिया पटेल ने कृषि मंत्रालय से जुड़े विषयों पर चर्चा करते हुए बताया कि बजट 2025 का कृषि क्षेत्र में आवंटन पिछले बजट की तुलना में 7.4% अधिक है। उन्होंने बताया कि 12 करोड़ किसानों को 65,000 करोड़ रुपये का सीधा भुगतान करने की योजना बनाई गई है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्होंने स्मार्ट खेती और कृषि स्टार्टअप्स में युवाओं की भागीदारी को लेकर भी चर्चा की और बताया कि कैसे सरकार PM किसान बीमा योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर रही है।
पत्रकारीता के छात्र शाश्वत शुक्ला ने गृह मंत्रालय के लिए आवंटित 2 लाख 33 हजार करोड़ रुपये के बजट पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने आंतरिक सुरक्षा, क्षेत्रीय विकास, जम्मू-कश्मीर के विकास और महिला सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय के बजट में 6.8% की वृद्धि से आतंरिक सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा तथा विभिन्न राज्यों में सुरक्षा से जुड़े बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा किए गए सुधारों से जम्मू-कश्मीर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी, जिससे वहां के नागरिकों को शिक्षा, रोजगार और व्यापार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा, उन्होंने महिला सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करते हुए बताया कि नई योजनाओं से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उन्हें सशक्त भी किया जाएगा।
मीडिया छात्रा अलंकृता मिश्रा ने रक्षा मंत्रालय के बजट निर्णयों पर चर्चा करते हुए कहा कि इस वर्ष सरकार ने सीमा सुरक्षा, सैन्य आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भर भारत अभियान पर विशेष ध्यान दिया है। BRO के लिए 94% वृद्धि, सीमावर्ती इलाकों में बॉर्डर लाइन टूरिज्म को बढ़ावा और आयात पर निर्भरता कम कर स्वदेशी रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के फैसले को उन्होंने सराहा।
इसके अलावा, AI और हाइपरसोनिक तकनीकों के लिए बढ़े हुए बजट को उन्होंने सैन्य क्षमताओं के भविष्य के लिए अहम बताया। 6.81 लाख कैडेट्स के लिए नई योजनाओं और ECHS के तहत 8,517 नए लाभार्थियों को शामिल करने को उन्होंने सैन्य कार्मिकों और पूर्व सैनिकों के कल्याण की दिशा में सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता देने वाला है।
आरती कुमारी ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत सामाजिक कल्याण और न्याय पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस वर्ष मंत्रालय को 13,600 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35% अधिक है। उन्होंने बताया कि सरकार ने “अम्ब्रेला स्कीम” के तहत समाज के पिछड़े वर्गों, अनुसूचित जातियों और दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई नई योजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे समाज के हर वर्ग को समान अवसर प्राप्त होंगे।
पलक अग्रवाल ने स्वास्थ्य मंत्रालय के बजट पर अपने विचार रखते हुए विशेष रूप से मेडिकल सीटों में हुई वृद्धि की सराहना की। उन्होंने कहा कि नीट (NEET) परीक्षा के तहत मेडिकल छात्रों के लिए अधिक अवसर सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने नए मेडिकल कॉलेज खोलने और सीटों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि स्वास्थ्य बजट में वृद्धि से न केवल डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा, बल्कि दूर-दराज के इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
इस अवसर पर जीवन संस्कार सेवा समिति के अध्यक्ष मोहनीश कौशिक, अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे, जीवन संस्कार सेवा समिति के उपाध्यक्ष कमल देवांगन, शुभम जायसवाल, कमलेश पटेल, सचिन गुप्ता और चांदनी समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे।