सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले, 13 को एक दिवसीय हड़ताल, बंद रहेंगे सभी सरकारी कामकाज

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N.V News रायपुर, दिनांक 12 मई :: सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने दिनांक 13 मई को नियमितीकरण सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर एक दिवसीय, राज्य स्तरीय हड़ताल का आयोजन किया है । महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष  कौशलेश तिवारी ने बताया कि कांग्रेस सरकार बने 4 साल पूरे होने को है किंतु अब तक संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादे पर सरकार खरी नहीं उतरी है। सरकार द्वारा लगातार केवल और केवल समितियों का गठन कर संविदा कर्मचारियों को ठगने का का कार्य किया जा रहा है। संविदा कर्मचारियों में इस स्थिति को लेकर गहन असंतोष व्याप्त है और इसी की परिणति है कि प्रदेश के संविदा कर्मचारी बार-बार आंदोलन पर मजबूर हो रहे हैं।

ज्ञातव्य हो कि वर्तमान में महात्मा गांधी मनरेगा के 12,000 से अधिक कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर विगत लगभग डेढ़ माह से आंदोलनरत हैं और प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत काम पूरी तरह से बंद है। इससे जहां प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक रूप से हानि पहुंच रही है वहीं राज्य सरकार भी जनता के हित में निर्णय लेने में अक्षम साबित हुई है।

महासंघ के उपाध्यक्ष हेमंत सिन्हा का कहना है कि मनरेगा के कर्मचारियों की मांगों के परीक्षण के लिए सरकार द्वारा प्रसन्ना कमेटी का गठन भी एक छलावा ही है क्योंकि इसके पूर्व संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए नीति-निर्देश तैयार करने हेतु, सरकार गठन के तत्काल बाद पिंगुआ समिति बनाई गई, नतीजा शून्य रहा । फिर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों की मांगों के परीक्षण के लिए भी एक समिति का गठन किया गया लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात । आज पर्यंत उक्त दोनों ही समितियों ने कार्यवाही प्रतिवेदन सरकार को नहीं सौंपा ना ही उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक हुई। इसलिए एक और नई समिति के गठन का औचित्य समझ से परे है तथा संविदा कर्मचारियों के समक्ष सरकार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 में अनियमित कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के समय वर्तमान कांग्रेस सरकार के कई मंत्री और विधायक इन संविदा कर्मचारियों के संपर्क में रहे और इनके मंच से सार्वजनिक रूप से कांग्रेस सरकार बनने की स्थिति में 10 दिन के भीतर नियमितीकरण का वादा किया गया था । यही नहीं, कांग्रेस ने अपने जन घोषणापत्र में भी इस वादे को दोहराया था । परिणाम स्वरूप संविदा कर्मचारियों और उनके परिवारों के वोटों के सहारे कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से सरकार बनाई । सरकार में बैठे मंत्रिगण भी संविदा कर्मचारियों में उत्पन्न हुई इस अविश्वास की स्थिति को समझ रहे हैं किंतु नख-दंत विहीन अवस्था को प्राप्त हैं। स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने भी कुछ दिन पूर्व स्वीकारा की यदि कर्मचारियों की यह मांग पूरी नहीं होती है, जिसका वादा भी था, तो आगामी चुनाव के समय वे कर्मचारियों के सामने मुंह नहीं दिखा पाएंगे।

महासंघ के सचिव श्रीकांत लाश्कर ने रोष व्यक्त किया कि हम संविदा कर्मचारी भी इसी व्यवस्था का हिस्सा हैं और हमारे ही कंधों पर इस सरकार ने कोविड-19 जैसा महासमर पार किया है। कोविड-19 से बहुत से संविदा कर्मचारी भी काल कवलित हुए, आज उनके बच्चे दाने-दाने को मोहताज हैं क्योंकि हम संविदा कर्मचारियों को ना तो चिकित्सा परिचर्या का लाभ मिलता है, ना कर्मचारी जीवन बीमा, ना ही अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान हमारे लिए है। ऐसी स्थिति में किसी संविदा कर्मचारी के असामयिक निधन अथवा गंभीर रूप से बीमार पड़ने पर उसके परिवार को किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिल पाती है। यह अमानवीय स्थिति है और सभ्य समाज के लिए यह निहायत ही शर्म का विषय है कि उनके बीच का एक तबका इस प्रकार के हालातों में सेवा दे रहा है। कांग्रेस शासन काल के विगत 4 वर्षों में संविदा कर्मचारियों को एक भी वेतन वृद्धि नहीं प्राप्त हुई है जबकि भाजपा शासनकाल में हर 2 वर्ष में एक बार, कम से कम 10% की वृद्धि होती रही है। 10 दिन में नियमित करने के वादे के साथ आई यह सरकार हमें हमारा वेतन वृद्धि तक ना दे पाई, इससे बढ़कर विडंबना और क्या होगी।

महासंघ के अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा की फिलहाल तो हम सरकार को चेतावनी के रूप में, सिर्फ 1 दिन की हड़ताल पर जा रहे हैं किंतु यदि नक्कारखाने में हमारी इस एक दिनी तूती की आवाज भी किसी ने ना सुनी तो मजबूरन हमें अनिश्चितकालीन हड़ताल की रणभेरी बजाना पड़ेगा, और इसमें हमारा साथ देने के लिए कई सामाजिक संगठनों के साथ-साथ हमारे नियमित कर्मचारी भाई-बहन भी तैयार हैं। सरकार को आने वाले दिनों में एक गंभीर और लंबे संघर्ष को देखने के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए क्योंकि हमारी तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है और हर संविदा कर्मचारी सरकार को उसका वादा याद दिलाने और निभाने पर मजबूर करने के लिए कटिबद्ध है।

इन योजनाओं के पदाधिकारियों ने दिया समर्थन साथ ही जिला संयोजक ने भरी हुंकार
प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश उपाध्यक्ष संजय सोनी (SBM) प्रदेश सचिव शिवेंद्र प्रताप (MGNREGA) श्रीकांत लास्कर (DRDA) संयुक्त सचिव सुदर्शन मण्डल (DPRC) कोषाध्यक्ष टीकमचंद कौशिक (MGNREGA) गोपालगिरी गोस्वामी (DSDA) मीडिया प्रबंधन सूरज सिंह ठाकुर (MGNREGA
प्रांतीय सलाहकार एवं योजना प्रमुख-
हेमन्त सिन्हा (NHM) चंद्रशेखर अग्निवंशी (MGNREGA) ताकेश्वर साहू (PMGSY) हीरालाल भगत (MMGSY) देवी चंद्राकर (SSA) डॉ. अनिल त्रिपाठी (आयुष) सुनील जायसवाल(PMAY) अशोक सिन्हा (WCD) विजय यादव (ATMA) परमेश्वर कौशिक (ITI) सुदेश यादव (SSA) आनंद मिरी (NHM) संजय काठले (MGNREGA) आशिष कुमार सिह (NRLM) किरण प्रधान CGSAU) विवेक भगत (CGSPC) शेख राशिद बक्श (DRDA)
जिला संयोजक दंतेवाड़ा मुकेश अहिरवार सुश्री स्वेता सोनी बीजापुर अमृत दास साहू रमाकांत पुनेठा सुकमा विजय बहादुर ज़ैन नवीन पाठक बस्तर राजेंद्र नेताम नारायणपुर सुदर्शन मण्डल किरण नैनिवाल कोंडागांव करन कुमार कांकेर उत्तम सोनी रायपुर अशोक सिन्हा नितेश जोगी धमतरी रत्नेश मिश्रा उत्तम साहू गरियाबंद चंद्रहास श्रीवास आशीष सिंह बलौदाबाजार डॉ सुरेन्द्र वर्मा तिलक साहू महासमुंद रामगोपाल खूँटे दुर्ग राजेश तांडेकर राजनांदगांव सुदेश यादव विजय यादव बालोद प्रवीण ठाकुर रितेश गंजीर बेमेतरा पूरन दास मुकेश साहू कबीरधाम संजय सोनी संजय काठले बिलासपुर श्रीमती पूनम तिवारी अजित नाविक मुंगेली ताकेश्वर साहू अमित दुबे कोरबा संजीव जायसवाल सावन बरेठ जांजगीर-चांपा डॉ अमित मिरी लुमेश्वर देवांगन रायगढ़ चंद्रकांत जायसवाल आनन्द मिरी GPM टेकलाल पाटले संतोष सोनी सरगुजा नरेन्द्र दुबे अशेष सिन्हा सूरजपुर ज्ञानेन्द्र सिंह अमित सिंह बलरामपुर टीकमचंद कौशिक प्रकाश रजक कोरिया उपेंद्र कुमार जशपुर राजेश जैन हीरालाल भगत

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