जंगल की हरियाली को बचाने के लिए तीसरी आंख का पहरा,अवैध कटाई करने वालों को सीधे जेल की खानी पड़ेगी हवा..NV न्यूज

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NV News Jashpur जशपुरनगर: Save the greenery of the forest जिले की हरियाली को बचाने के लिए जंगल पर अब तीसरी आंख का पहरा रहेगा। इतना ही नहीं जंगल में आगजनी और अवैध कटाई करने वालों को सीधे जेल की हवा खानी पड़ेगी। गर्मी का मौसम शुरू होते ही जंगलों में आगजनी की घटना बढ़ जाती है। इस पर काबू पाने के लिए वन विभाग ने जंगल में कैमरे लगाने का निर्णय किया है। जंगल में कैमरा कहां और किस तरह लगाया जाएगा इसे विभाग ने फिलहाल गोपनीय रखा हुआ है।

 

डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि

Save the greenery of the forest : डीएफओ जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि पहले चरण के लिए 50 कैमरे मंगाए गए है। एक कैमरे की कीमत लगभग 19 हजार रूपये हैं। डीएफओ उपाध्याय ने बताया कि जंगल में तीसरी आंख की पहरेदारी से जंगल में आगजनी और अवैध कटाई को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी। उन्होनें बताया कि अवैध कटाई और आगजनी करते हुए कैमरे में पकड़े जाने वालों की पहचान सुनिश्चित कर वन सुरक्षा अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

 

जंगल में कैमरे की पहरेदारी बैठाने के निर्णय

Save the greenery of the forest : जंगल में कैमरे की पहरेदारी बैठाने के निर्णय के बारे में डीएफओ ने बताया कि आगजनी के मामले में कार्रवाई मुश्किल होती है क्योंकि आगजनी करने वाला जंगल के पत्तो में आग लगाकर भाग निकलता है। इसलिए ना तो उसकी पहचान हो पाती है और ना ही कोई सबूत मिल पाता है। लेकिन अब ऐसे व्यक्ति सीधे कैमरे में कैद हो जाएंगें जिससे कानूनी कार्रवाई करना आसान हो जाएगा। उन्होनें बताया कि वन विभाग की ओर से पूरे जिले में जंगल में आग ना लगाने और पकड़े जाने पर कार्रवाई करने की चेतावनी देते हुए मुनादी कराई जा रही है।

 

15 किलो वजनी इस ब्लोअर को कंधे में उठाकर ले

Save the greenery of the forest 15 किलो वजनी इस ब्लोअर को कंधे में उठाकर ले जाना पड़ता है। मशीन में लगा शक्तिशाली ब्लोअर चालू होते ही हवा के तेज प्रवाह से जंगल में बिखरे पत्ते दो भागों में बंट जाते हैं। जिससे आग नहीं फैल पाती है। फायर लाइन बनाने के इस काम में पहले पांच कर्मचारियों की टीम को कई दिनों तक लगाया जाता था। अब इस ब्लोअर की मदद से दो व्यक्ति आसानी से और जल्द पूरा कर पाते हैं। आग की लपटों से सीधा संपर्क कर इससे आग को भी बुझाया जा सकता है।

 

तीन साल में जंगल में आगजनी की 2111 घटनाएं

वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में बीते तीन सालों में जंगल में आगजनी की जिले के जंगलों में 2023 में जंगल में आगजनी के 790 मामले सामने आए जबकि 2022 में 394 मामले सामने आए वही 2021 में आगजनी के 884 मामले सामने आए जबकि 2020 कोरोनाकाल में जिले के जंगलों में आगजनी के सिर्फ 43 मामले सामने आए थे। वहीं,इस साल अब तक विभाग को इस तरह की 35 घटनाओं की सूचना मिल चुकी है।

 

अब जागरूकता अभियान पर जोर

सुलगते हुए जंगल की हरियाली बचाने के लिए वन विभाग इन दिनों जागरूकता अभियान पर जोर दे रहा है। वन मंडलाधिकारी जितेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि अभियान में सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जा रहा है। उन्होनें बताया कि संयुक्त टीम गांव में चौपाल लगाकर लोगों को जंगल से होने वाले लाभ और आग लगाने से होने वाले नुकसान की जानकारी देकर आग ना लगाने की अपील करने के साथ ही जंगल की आग को बुझाने में वनकर्मियों की सहायता करने की अपील कर रही है।

वर्जन

जंगल में अवैध कटाई और आगजनी रोकने के लिए कैमरा लगाया जा रहा है। 50 कैमरा विभाग को प्राप्त हो चुका है। इसमें अवैध कटाई और आगजनी करते कैप्चर होने वाले के विरूद्व कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जागरूकता अभियान के माध्यम से ग्रामीणों को जंगल में आगजनी ना करने की समझाइश दी जा रही है।

 

 

 

 

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