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NV News:- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सामुदायिक पुलिसिंग की मिसाल देखने को मिली है. सामुदायिक पुलिसिंग का ही नतीजा है की शादी में विवाद के बाद बिना दुल्हन के लौटी बारात को वापस बुलाया गया।
पुलिस की समझाइश के बाद दूसरे दिन पूरे रीति रिवाज के साथ बालकोनगर पुलिस की मौजूदगी में विवाह संपन्न कराया गया. इस पूरे मामले के बाद गांव वालो ने पुलिस का आभार जताया है. दरअसल कोरबा जिला मुख्यालय से दस किलो मीटर दूर स्थित चुईया गांव में एक शादी के दौरान खूब बवाल हुआ.
चुईया गांव के रहने वाले कोटवार बंधनदास महंत की बेटी अंजली महंत का विवाह पंप हॉउस निवासी येमदास मानिकपुर के बेटे मनीष दास कल 16 मई को तय था. डीजे गाजे-बाजे के साथ बारात चुईया गांव पहुंची. डीजे पर शराब के नशे में दूल्हे के दोस्त व रिश्तेदार खूब डांस कर रहे थे. इस बात पर दुल्हन पक्ष की ओर से आपत्ती की गई. इसके बाद बारात में शराब के नशे में डीजे को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ा की बाराती बिना शादी किए दुल्हन के बिना ही लौट गए.
सरपंच ने की पहल
फिर मामले की जानकारी सरपंच शिव राज सिंह राठिया ने बालको नगर थाना प्रभारी को दी. दोनों पक्षों को पुलिस थाना बुलाकर थाना प्रभारी विजय चेलक ने समझाइश दी. पूरे रीति रिवाज के साथ शादी दूसरे दिन पुलिस की मौजूदगी कराई गई. दरअसल ऐसा संभव तब हुआ जब जिले के पुलिस कप्तान भोजराम पटेल पूरे जिले में खाकी के रंग पुलिस के संग. खाकी के रंग ग्रामीणों संग, चलित थाना सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने लगातार कार्यक्रम चला रहे हैं. इससे आम आदमी आपराधिक मामलो से लेकर सामाजिक मामलो में जरूरत पढ़ने पर मदद बेझिजक ले रहे हैं.
चुईया पंचायत के सरपंच शिवराज सिंह ने बताया कि विवाद होने पर बारात लौट गई. दुल्हन पक्ष के लोग बिना शादी के बारात वापस लौट जाने से परेशान थे. दोनों पक्षों को पुलिस ने समझाया. उसके बाद बीते बुधवार को शादी शांति पूर्ण तरीके से हुई. पुलिस द्वारा खाकी के रंग पुलिस के रंग ग्रामीणों के संग अभियान चलाया जा रहा है. बहुत अच्छी पहल है. पूरा गांव बेटी के विवाह में आई परेशानी को पुलिस ने दूर कर शादी कराने में मदद करने पर आभार जता रहा है.