सेंट्रल जेल में कांग्रेस नेता की संदिग्ध मौत: परिजन बोले– लापरवाही नहीं, यह हत्या है; कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उठाए गंभीर सवाल
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रायपुर। रायपुर सेंट्रल जेल में बंद कांग्रेस नेता और सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष जीवन ठाकुर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इलाज के लिए मेकाहारा अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया। जेल प्रशासन का कहना है कि उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल भेजा गया, लेकिन परिवार और आदिवासी समाज के लोग इसे जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही और “सोची-समझी साजिश” बता रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, जीवन ठाकुर 12 अक्टूबर 2025 को एक जमीन विवाद मामले में गिरफ्तार किए गए थे और उन्हें जिला जेल कांकेर में रखा गया था। परिवार का आरोप है कि 2 दिसंबर को उन्हें बिना किसी सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया। न शिफ्टिंग की जानकारी दी गई, न तबीयत बिगड़ने की सूचना।
परिजनों ने बताया कि 4 दिसंबर को सुबह 4:20 बजे जीवन ठाकुर को डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में भर्ती कराया गया, जहां सुबह 7:45 बजे उनका निधन हो गया।
सबसे गंभीर बात यह है कि परिवार को उनकी मौत की जानकारी शाम 5 बजे दी गई, जिससे आक्रोश और बढ़ गया।
परिवारजन और सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने थाना चारामा में ज्ञापन सौंपकर जेल प्रशासन पर—
गंभीर लापरवाही, आवश्यक जानकारी छिपाने, और हत्या की आशंका जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
दीपक बैज का आरोप— “इन्हें जानबूझकर मारा गया”
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने जीवन ठाकुर की मौत को “संदिग्ध और अत्यंत चिंताजनक” बताया।
उन्होंने कहा—
“जीवन ठाकुर को कांग्रेस सरकार में वन अधिकार पट्टा दिया गया था, लेकिन मौजूदा सरकार ने उन्हें फर्जी बताते हुए गलत FIR दर्ज कर जेल भेज दिया। जेल में उनके साथ अत्याचार हुआ, समय पर भोजन और सही इलाज नहीं दिया गया। जेल प्रशासन ने जानबूझकर उनकी तबीयत बिगाड़कर उनकी जान ली।”
बैज ने कहा कि इस घटना से आदिवासी समाज में गहरा आक्रोश है और इसकी निष्पक्ष जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि वे अंतिम संस्कार में शामिल होने कांकेर जा रहे हैं और आदिवासी नेताओं के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा होगी।
