सड़क पर स्टंट और बोनट पर बर्थडे पार्टी: हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, मुख्य सचिव से मांगा पर्सनल हलफनामा

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बिलासपुर। कोरिया जिले के बीएमओ द्वारा सड़क पर स्कॉर्पियो की बोनट पर केक रखकर जन्मदिन मनाने और बिलासपुर में एक युवक द्वारा सड़क पर स्टंट करने जैसे मामलों पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने बेहद कड़ा रुख अपनाया है।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि अमीर और रसूखदार लोग खुलेआम ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जबकि सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का जमीनी असर कहीं दिखाई नहीं देता।

 

अदालत ने वायरल वीडियो का हवाला देते हुए मुख्य सचिव को व्यक्तिगत शपथ पत्र (Personal Affidavit) प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई 4 दिसंबर को होगी।

 

पहला मामला: बिलासपुर के रिवर व्यू में युवक का खतरनाक स्टंट

 

रिवर व्यू क्षेत्र का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक युवक कार की बोनट पर बैठकर स्टंट करते दिख रहा है। वीडियो में वह अपनी दबंगई दिखाते हुए दावा कर रहा है कि “इलाके में उसी की चलती है” और कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।

वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की, वाहन जब्त किया और स्टंट में शामिल युवक व ड्रोन से वीडियो बनाने वाले व्यक्ति दोनों के खिलाफ FIR दर्ज की गई।

यह जानकारी डिप्टी एडवोकेट जनरल शशांक ठाकुर ने अदालत को दी।

 

दूसरी घटना: बैकुंठपुर में हाईवे पर BMO का बर्थडे सेलिब्रेशन

 

कोरिया जिले के बैकुंठपुर इलाके में सोनहत ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनित बखला का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे नेशनल हाईवे 43 पर स्कॉर्पियो की बोनट पर केक रखकर जन्मदिन मनाते दिखे।

वीडियो में हाईवे पर आतिशबाज़ी भी दिखी, जिससे राहगीरों को परेशानी हुई।

 

अदालत ने टिप्पणी की—

“एक सरकारी अधिकारी होकर भी बीएमओ ने नियमों की बिल्कुल परवाह नहीं की। यह कानून का खुला उल्लंघन है।”

डिप्टी एजी के अनुसार, बीएमओ और उसके साथ मौजूद व्यक्ति के खिलाफ

BNS की धारा 285, 288, 3(5)

और

मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 122, 177

के तहत केस दर्ज किया गया है।

बीएमओ शहर से बाहर था, इसलिए वाहन जब्त नहीं हो सका था, लेकिन मंगलवार शाम तक वाहन जब्त कर लिया जाएगा।

हाईकोर्ट की कड़ी फटकार

अदालत ने सख्त टिप्पणी की—

गाइडलाइंस सिर्फ कागजों में हैं, जमीनी हकीकत में उनका कोई असर नहीं।

अमीर और प्रभावशाली लोग कानून का मज़ाक बना रहे हैं।

अपराधियों में कार्रवाई का कोई डर नहीं।

प्रशासन की पकड़ कमजोर नजर आती है।

कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई नहीं की, तो हाईकोर्ट स्वयं कठोर निर्देश जारी कर सकता है।

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