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NV News:- मध्य प्रदेश के कॉलेजों में रामचरित मानस के बाद अब भगवत गीता भी पढ़ाई जाएगी. यह घोषणा राजधानी भोपाल में आयोजित युवा संसद में की. उन्होंने कहा कि सेकेंड ईयर के सिलेबस में भगवत गीता को शामिल किया जाएगा.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत एमपी के कॉलजों में अभी रामचरित मानस और महाभारत पढ़ाया जाता है.
भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को युवाओं से संवाद किया. . मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब सेकंड ईयर में भागवत गीता को शामिल किया जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग अब भागवत गीता को सिलेबस में शामिल करने प्लान तैयार कर रहा है.
सांस्कृतिक विरासत को जानेंगे युवा
सेकेंड ईयर में भगवत गीता की पढ़ाई को लेकर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि न्यायालय में गीता पर हाथ रखकर कसम खाई जाती है. लेकिन गीता और रामायण किसी स्कूल या कॉलेज में नहीं पढ़ाया जाता. इन ग्रंथों को अगर जानने का मौका नहीं देंगे, तो युवाओं को उनका महत्व कैसे पता चलेगा. सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने के लिए यह बहुत ही अच्छा निर्णय है. उच्च शिक्षा मंत्री ने इस फैसले के लिए सीएम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया.
इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाई जा रही राम सेतु की तकनीक
मध्य प्रदेश में इंजीनियरिंग के छात्रों को राम सेतु की इंजीनियरिंग के बारे में भी पढ़ाया जा रहा है. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत कॉलेजों में रामचरितमानस का व्यावहारिक दर्शन सिलेबस में शामिल किया गया है. बता दें कि नई शिक्षा नीति में 131 प्रकार के नए कोर्सों को शामिल किया गया है.