साइलेंट किलर होती है किडनी की बीमारी, इन लक्षणों से करें पहचान

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NV News:-   पिछले कुछ सालों से किडनी के मरीजों  की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. लोगों को किडनी की बीमारी   के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल विश्व किडनी दिवस  मनाया जाता है.

इस साल 10 मार्च को किडनी दिवस मनाया जाएगा. इस बार इसकी थीम ‘किडनी हेल्थ फॉर ऑल’ रखी गई है. जिसका मतलब है कि सभी के किडनी का स्वस्थ रहना जरूरी है. डॉक्टरों का कहना है कि किडनी की बीमारी का शुरुआती दौर में आसानी से पता नहीं चलता है, लेकिन अगर लोग जागरूक रहेंगे और लक्षणों (Symptoms of kidney disease) पर ध्यान देंगे तो समय रहते ही इस बीमारी का पता चल जाएगा. जिससे इलाज़ भी आसनी से हो सकेगा.

पारस हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ पी.एन. गुप्ता ने बताया कि किडनी न केवल विभिन्न मेटाबॉलिज्म अपशिष्ट से ख़ून को शुद्ध करती हैं, बल्कि यह बल्ड प्रेशर को रेगूलेट करने, हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद करती है, ये हीमोग्लोबिन को सामान्य और हमारे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स को बेहतर बनाए रखने में मुख्य भूमिका निभाती है. डॉ. के मुताबिक, किडनी की बीमारी एक साइलेंट किलर हो सकती है. क्योंकि इस बीमारी में आमतौर पर लंबे समय तक कोई लक्षण नज़र नही आता है. समय पर जांच कराने से किडनी की बीमारी का पता जल्दी लगाया जा सकता है. इस मरीज के स्वास्थ्य को नुक़सान पहुंचने से पहले ही इसे रोका जा सकता है.

डायबिटीज है इसका मुख्य कारण

डॉ. गुप्ता का कहना है कि डायबिटीज मेलिटस और हाई ब्लड प्रेशर किडनी की बीमारी के सबसे महत्वपूर्ण कारण हैं. डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, दर्द निवारक दवाओं के लगातार उपयोग और जेनिटिक कारणों से किडनी की बीमारी होने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित लोगों को नियमित रूप से जांच कराने की सलाह दी जाती है.

धूम्रपान छोड़ना होगा

डॉ. बताते हैं कि धूम्रपान आपको किडनी के स्वास्थ्य के लिए छोड़ना पड़ेगा. ज्यादा वजन होना भी डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की तरह ही सीधे किडनी को भी प्रभावित कर सकता है. नियमित एक्सरसाइज और जंक फूड न खानें से हमारी किडनी को सुरक्षित रहती है. डायबिटीज और हाई बल्ड प्रेशर की बढ़ती घटनाओं कारण किडनी के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत रहना चाहिए. किडनी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से जांच करवानी चाहिए. केवल दो टेस्ट यानी यूरिन रूटीन और माइक्रोस्कोपी और एस क्रिएटिनिन करके किडनी की नियमित रूप से जांच की जा सकती है.

ये हैं किडनी में खराबी के लक्षण

बार-बार पेशाब आना

यूरिन करते समय जलन होना

पेट के निचले हिस्से में दर्द

भूख कम लगान

एनीमिया

खुजली होना

मिचली और उल्टी आना

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