“Culture & Brotherhood Echo in Achanakmar’s Vanvasi School on Rakshabandhan & World Tribal Day | अचानकमार की वनवासी पाठशाला में गूंजी संस्कृति और भाईचारे की गूंज”

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NV News Mungeli: (World tribal day) विश्व आदिवासी दिवस के शुभ अवसर पर अचानकमार अभ्यारण्य के भीतर स्थित “प्रयास वनवासी पाठशाला”(Prayas Vanvasi School“)में रविवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 

Culture & Brotherhood Echo in Achanakmar’s Vanvasi School on Rakshabandhan & World Tribal Day

यह आयोजन प्रयास – अ स्माल स्टेप फाउंडेशन द्वारा वनवासी बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ बड़े धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में विश्व आदिवासी दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन पर्व की भी अनोखी झलक देखने को मिली, जिससे पूरा परिसर उत्साह और भाईचारे के माहौल से सराबोर रहा।

Vanvasi School

कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत ढंग से हुई। सबसे पहले महान आदिवासी नेता बिरसा मुंडा, (great tribal leader Birsa Munda)मां सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र पर पुष्पहार अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर फाउंडेशन के सदस्यों ने बताया कि ऐसे आयोजन न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा भी देते हैं।

इसके बाद बच्चों के लिए उपहार वितरण का कार्यक्रम रखा गया। संस्था की ओर से सभी विद्यार्थियों को जूते, मोजे और स्कूल यूनिफॉर्म भेंट की गई। उपहार मिलने पर बच्चों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। उपहार वितरण के पश्चात विद्यार्थियों द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसमें पारंपरिक आदिवासी लोकगीतों की मधुर धुन पर बच्चों ने अपनी कला का सुंदर प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम का संचालन शिक्षक शिवकुमार  ने किया। उन्होंने मंच से संस्था के सदस्यों को आमंत्रित किया, जिन्होंने अपने उद्बोधन में शिक्षा के महत्व, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक एकता पर जोर दिया। वक्ताओं ने कहा कि शिक्षा ही समाज को सशक्त बनाने का सबसे बड़ा साधन है, और इसी उद्देश्य से यह वनवासी पाठशाला संचालित की जा रही है।

इसके बाद रक्षाबंधन का रस्म अदायगी की गई। पाठशाला की सभी बालिकाओं ने अपने सहपाठियों और संस्था के सदस्यों की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उन्हें दीर्घायु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर शिक्षिका श्रीमती शिवकुमारी मरावी ने भी सभी को राखी बांधी और भाईचारे का संदेश दिया।

कार्यक्रम के अंत में कोमल मरावी ने आभार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा (Achanakmar Sanctuary)“अचानकमार अभ्यारण्य में पहली बार सार्वजनिक रूप से रक्षाबंधन और विश्व आदिवासी दिवस का संयुक्त आयोजन हुआ है। यह हमारे पूरे वनवासी समाज के लिए गर्व का क्षण है। शिक्षा और संस्कृति संरक्षण के लिए संस्था जो कार्य कर रही है, वह अपने आप में अतुलनीय है।”

इस आयोजन में प्रयास – अ स्माल स्टेप फाउंडेशन के सभी सदस्य, वनवासी पाठशाला के विद्यार्थी और आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने न केवल शिक्षा और संस्कृति को जोड़ने का काम किया, बल्कि समाज में एकता, भाईचारे और परंपरा के संरक्षण का संदेश भी दिया।

इस तरह यह आयोजन अचानकमार के जंगलों में बसे वनवासियों के लिए यादगार बन गया, जो आने वाले वर्षों तक प्रेरणा देता रहेगा।

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