Raipur News:पथरी की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर, एम्स में अब बिना सर्जरी निकालेंगे स्‍टोन

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N.V.News रायपुर : राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से पथरी (स्टोन) की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है। गुर्दे में पथरी वाले मरीजों को अब आपरेशन की लंबी चीरफाड़ वाली प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। एम्स में पथरी के इलाज के लिए करीब आठ करोड़ की लागत से नई तकनीक की डोर्नियर एक्सट्राकोर्पोरियल शाक वेव लिथोट्रिप्सी (ईएसडब्ल्यूएल) मशीन स्थापित कर दी गई है

यूरोलाजी विभाग में स्थापित मशीन की सेवाओं की शुरुआत भी कर दी गई है। एम्स के निदेशक डा अजय सिंह ने इसका शुभारंभ किया। एक्स्ट्राकोरपोरियल शाक वेव लिथोट्रिप्सी मशीन किडनी की पथरी को छोटे हिस्सों में तोड़ने को ध्वनि तरंगों (हाई एनर्जी शेक वेव) का उपयोग करती है। इससे पथरी धूल या छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है। बिना किसी चीरे के मात्र 45 मिनट में 15 एमएम तक की पथरी निकाली जा सकती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मशीन विशेष रूप से उन मरीजों के लिए उपयोगी है, जो सर्जरी के लिए अयोग्य और पथरी निकलवाने के लिए सर्जरी नहीं चाहते हैं। इस प्रक्रिया के लिए एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती, इसलिए मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं करवाना पड़ेगा और मरीज को उसी दिन अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया जाएगा। इलाज दौरान इस मशीन के उपयोग से किडनी या अन्य अंग को कोई नुकसान भी नहीं होता है।

गुर्दे की पथरी के लिए ईएसडब्ल्यूएल एक नान सर्जिकल ट्रीटमेंट हैं, जो पथरी को तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। ईएसडब्ल्यूएल से पथरी पर दबाव के साथ तरंगें छोड़ी जाती हैं। इससे पथरी टूट जाती है और यूरिन के रास्ते से बाहर निकल जाती है।

ओपीडी में रोजाना 60 मरीज

प्रदेशभर से एम्स के यूरोलाजी विभाग की ओपीडी में रोजाना 50 से 60 मरीज पथरी के इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें दूसरे राज्यों के भी शामिल हैं। विभाग में यूरोलाजी संबंधी सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज, सर्जरी और फालोअप संबंधी सुविधाएं उपलब्ध हैं। विभिन्न विभागों की सहायता से टीआरयूएस गाइडेड प्रोस्टेट बायोप्सी, ट्रांसपेरिनियल बायोप्सी, थ्री डी लेप्रोस्कोपिक रेडिकल प्रोस्टेक्टोमी, रेडिएशन आंकोलाजी और मेडिकल आंकोलाजी की सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

यूरोलाजी में तीन नए स्पेशल क्लीनिक

यूरोलाजी विभाग में तीन नए स्पेशल क्लीनिक संचालित होते हैं। इसमें प्रत्येक सप्ताह सोमवार को पीडियाट्रिक यूरोलाजी क्लीनिक और महिला यूरोलाजी क्लीनिक दोपहर 2.30 से 4.30 बजे तक, बुधवार को यूरो आंकोलाजी क्लीनिक और एंड्रोलाजी एंड मेन हेल्थ क्लीनिक दोपहर 2.30 से 4.30 बजे तक और डायलिसिस एक्सेस क्लीनिक प्रत्येक शनिवार को सुबह 9.30 से 10.30 बजे तक संचालित होता है।

एम्स यूरोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. अमित शर्मा ने कहा, ईएसडब्ल्यूएल के लिए काफी दिनों से प्रयास किया जा रहा था, जिसका शुभारंभ कर दिया गया है। विभाग में यूरोलाजी संबंधी सभी प्रकार की बीमारियों के इलाज की सुविधाएं उपलब्ध है। स्पेशल क्लीनिक भी संचालित किया जाता है।

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