“रायपुर AIIMS ने ड्रोन से दवा, वैक्सीन और सैंपल की जांच रिपोर्ट को पहुंचाने की नई पहल की घोषणा की, ट्रायल जल्द होगा शुरू”..NV न्यूज़

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NV News raipur:  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ड्रोन प्रोजेक्ट अब जल्द ही राजधानी रायपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Raipur) में भी शुरू होगा। ड्रोन के माध्यम से जीवनरक्षक दवाएं व वैक्सीन पहुंचाने तथा ब्लड और ओटी कल्चर के लिए सैंपल लाने की शुरूआत होगी। साथ ही टेलीमेडिसिन के माध्यम से इलाज और दवाओं के इस्तेमाल से जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी। ड्रोन के माध्यम से 70 किमी के दायरे में सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी

इस व्यवस्था से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) को जोड़ा जाएगा। प्रारंभिक चरण में धरसींवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सुविधा शुरू होगी, इसके बाद धीरे-धीरे अन्य केंद्रों को जोड़ा जाएगा। एम्स में तैयारी शुरू हो गई है, जल्द ही ट्रायल होने की उम्मीद है। इसके लिए एजेंसी तय कर दी गई है।

एम्स को यह स्वास्थ्य सुविधा एजेंसी मात्र दस पैस प्रति किमी के दर से उपलब्ध कराएगी। एम्स में कमांड सेंटर बनाया जाएगा। ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) पर आधारित ड्रोन को संबंधित क्षेत्र में आसानी से पहुंचाया जाएगा। गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से देश के सभी एम्स और मुख्य अस्पतालों में तेजी से ड्रोन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं की तुरंत डिलीवरी करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसे क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।

एम्स में ड्रोन सुविधा शुरू करने के लिए विगत कुछ दिनों पहले टेंडर जारी किया गया था, जिसमें चार-पांच कंपनियों ने रूचि दिखाई थी। सबसे कम दर में सुविधा देने वाली एजेंसी तय हुई है। एक एजेंसी ने एक रूपये दस पैसे में सुविधा देने के लिए टेंडर भरा था। एम्स ने 10 पैसे में सुविधा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी को नियुक्त किया है। एम्स की ओर से एजेंसी को केवल जगह उपलब्ध कराई जाएगी तथा सैंपल और दवाएं लाने-ले जाने का प्रति किमी के दर से भुगतान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। 19 फरवरी को ब्लड और ओटी कल्चर को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर से जांच के लिए ड्रोन के माध्यम से अंबिकापुर स्थित राजमाता श्रीमती देवेन्द्र कुमारी सिंहदेव शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में पहुंचाया गया था। परीक्षण के दौरान ड्रोन को मेडिकल कालेज अंबिकापुर से 40 किमी दूर उदयपुर पहुंचने में 30 मिनट का समय लगा था।

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