आर. वेंकटरमणी होंगे देश के नए अटॉर्नी जनरल- नववर्ष न्यूज

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N.V.News नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट आर. वेंकटरमणी को भारत का नया अटॉर्नी जनरल (महान्यायवादी) नियुक्त किया गया है। लॉ मिनिस्ट्री की ओर से बुधवार देर शाम जारी बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति की ओर से सीनियर एडवोकेट वेंकटरमणी को तीन साल के लिए अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है। 30 सितंबर को मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उसके बाद एक अक्टूबर से एडवोकेट वेंकटरमणी अटॉर्नी जनरल का पद संभालेंगे।

 

ज्ञात हो कि वेणुगोपाल को जुलाई 2017 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। उन्हें 29 जून को तीन महीने के लिए देश के शीर्ष कानून अधिकारी के रूप में फिर से नियुक्त किया गया था। उधर, सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल के पद के ऑफर को मना कर दिया था। मुकुल रोहतगी, केके वेणुगोपाल से पहले अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं।

 

मुकुल रोहतगी ने किया था मना

25 सितंबर को वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि उन्होंने भारत का अगला अटॉर्नी जनरल बनने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा था कि उनके फैसले के पीछे कोई खास वजह नहीं है। केंद्र ने मौजूदा अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल की जगह लेने के लिए इस महीने की शुरुआत में रोहतगी को पेशकश की थी। रोहतगी जून 2014 से जून 2017 तक अटॉर्नी जनरल थे।

 

उनके बाद वेणुगोपाल को जुलाई 2017 में इस पद पर नियुक्त किया गया था। उन्हें 29 जून को देश के इस शीर्ष विधि अधिकारी के पद के लिए फिर तीन महीने लिए नियुक्त किया गया था। केंद्रीय कानून मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया था कि वेणुगोपाल ‘व्यक्तिगत कारणों’ से अपनी अनिच्छा जताई, लेकिन 30 सितंबर तक पद पर बने रहने के सरकार के अनुरोध को उन्होंने मान लिया था।

 

आपको बता दें की केके वेणुगोपाल की उम्र 91 साल हो चुकी है अटॉर्नी जनरल के रूप में वेणुगोपाल का पहला कार्यकाल 2020 में समाप्त होना था और उन्होंने सरकार से उनकी उम्र को ध्यान में रखकर जिम्मेदारियों से मुक्त कर देने का अनुरोध किया था। लेकिन बाद में उन्होंने एक साल के नये कार्यकाल को स्वीकार कर लिया, क्योंकि सरकार इस बात को ध्यान में रखकर चाह रही थी कि वह इस पद बने रहें कि वह हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर रहे हैं और उनका बार में लंबा अनुभव है। आमतौर पर अटॉर्नी जनरल का तीन साल का कार्यकाल होता है। वरिष्ठ वकील रोहतगी भी सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई हाई-प्रोफाइल मामलों में पैरवी कर चुके हैं।

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