Share this
NV News:- तालाबों को स्वच्छ रखने के लिए पांच करोड़ खर्च किया जाएगा। दिन के पूरे 24 घंटे पेयजल की सप्लाई भी होगी।
उद्यानों के लिए 32 करोड़, गरीबों को घर देने 31 करोड़, खेल मैदान के लिए पांच करोड़ का प्रविधान किया गया है। पार्षदों को पांच लाख रुपये का बीमा और वे अपने वार्ड में 10 लाख रुपये का विकास कार्य कर सकेंगे। मच्छर व आवारा कुत्तों के बधियाकरण्ा के लिए 78 करोड़ 17 लाख्ा रुपये का प्रविधान किया गया है।
गोबर का ब्रीफकेस बना ब्रांड
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बाद महापौर एजाज ढेबर भी अपने बजट के पिटारे को ब्रीफकेस में लेकर आए। ये ब्रीफकेस भी गोबर का ही बना हुआ था। सभा में आने से पूर्व महापौर ने अपनी माता का आर्शीवाद लिया। सोशल मीडिया में ये तस्वीर खूब वायरल भी हुई।
टेबल पर चढ़कर विरोध, आठ पार्षद निलंबित
सामान्य सभा में जैसा तय था, ठीक वैसा ही हुआ। भाजपा पार्षदों ने अपने उठाए गए विषयों को लेकर महापौर से उत्तर मांगा। हंगामे के बीच ये टेबल पर चढ़कर विरोध करने लगे। समझाने पर जब नहीं माने तो सभापति ने आठ पार्षदों को निलंबित कर दिया। राज्यपाल के आने के बाद इनकी वापसी हुई।
मच्छर से मुक्ति के लिए चलेगा अभियान
मच्छर मुक्त करने के लिए रायपुर नगर निगम ने पिछली बार 85 लाख रुपये का बजट दिया था। शहर को मच्छर मुक्त बनाने के लिए निगम के प्रत्येक जोन स्तर पर रोजाना मानिटरिंग तथा एंटी लार्वा, दवा का छिड़काव, फागिंग के साथ नालियों की सफाई के लिए सघन अभियान चलाए जाते हैं। वर्तमान में शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने लगातार कोशिश की जा रही है, लेकिन उसके बाद भी शहर में मच्छरों का आतंक कम नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस बार करीब 15 फीसद के करीब बजट में बढ़ोतरी होने की उम्मीद लगाई जा रही है।
शहर में 30 हजार से अधिक आवारा कुत्तों का आतंक
बता दें कि रायपुर नगर निगम के 70 वार्डों में तकरीबन 30 हजार से अधिक आवारा कुत्ते हैं। आए दिन किसी न किसी को कुत्ता काटने की खबर सामने आ ही जाती है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी के लाखे नगर, कुशालपुर, प्रोफेसर कालोनी, अश्वनी नगर, गोल चौक, डंगनिया, सुंदरनगर, रायपुर रोड, गुढ़ियारी, समता कालोनी, फाफाडीह आदि इलाकों में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। निगम ने 2021 में आवारा कुत्तों के बधियाकरण को लेकर 12 लाख रुपये का टेंडर जारी किया था। महापौर ने इस बार बजट की राशि में इजाफा किया है।
विभागों, जोन कार्यालयों के पैसे इस तरह होंगे खर्च
लोक कर्म के लिए 115 करोड़ 99 लाख रुपये रखे गए हैं। इस पैसों से बड़े नालों के निर्माण में 15 करोड़, सीमेंट मार्ग के निर्माण में 9 करोड़, डामरीकरण के लिए 10 करोड़ 50 लाख, मास्टर प्लान के अनुरूप सड़क निर्माण योजना में 5 करोड़, नाली निर्माण में 4 करोड़ 50 लाख खर्च होंगे।
जल कार्य विभाग को 89 करोड़ 81 लाख 76 हजार रुपये दिए गए हैं। जिसमें जल वाहिनी कार्य के लिए 10 करोड़, पेयजल परिवहन के लिए 50 लाख, पावर पंप के संधारण के लिए 2 करोड़ और भनपुुरी में एक करोड़ रुपये की लागत से टंकी का निर्माण किया जाएगा।
जोन कार्यालयों को 147 करोड़ 43 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसमें सफाई के लिए 44 करोड़ 54 लाख, गलियों के कांक्रीटीकरण में 9 करोड़ 86 लाख 40 हजार, मार्ग संधारण में 7 करोड़ 96 लाख 9 हजार, सामुदायिक भवन के लिए 8 करोड़ 73 लाख 97 हजार, नालियों की मरम्मत में 6 करोड़ 73 लाख 86 हजार, सार्वजनिक कुओं और तालाबों की सफाई में एक करोड़ 76 लाख 4 हजार और श्रद्धांजलि योजना 51 लाख 71 हजार रुपये खर्च होंगे।
छोटी-छोटी योजनाएं, जिनसे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष जुड़े हैं सब
खारुन नदी के शुद्धिकरण का लक्ष्य आगामी 3 वर्षों की कार्य योजना में शामिल किया गया है। इसके तहत रायपुर शहर से बहकर नदी में पहुंचने वाले अपशिष्ट मिश्रित 17 नालों के पानी शुद्धिकरण के लिए 206 एमएलडी के चार एसटीपी शुरु होंगे।
पौनी पसारी योजना व नये वेंडिंग जोन का निर्धारण कर लघु व्यवसायियों को सुगम व्यवसाय के लिए सहायता करने पूरे नगर निगम क्षेत्र में कार्ययोजना तैयार कर क्रियान्वयन किया जाएगा
टैंकर मुक्त व्यवस्था सुनिश्चित करने अमृत मिशन योजना में काम होगा।
निगम क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार होगा। मरीजों को समय पर एम्बुलेंस जैसी आवश्यक सुविधाएं तत्काल प्राप्त हों, इसके लिए सभी 10 जोन में पृथक-पृथक 10 एंबुलेंस की व्यवस्था नगर निगम द्वारा की जाएगी।
परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु के उपरांत शव को सुरक्षित रखने डीप प्रीजर की आवश्यकता होती है। निगम के सभी 10 जोन में पृथक-पृथक डीप प्रीजर की सुविधा रखी जाएगी।
सभी मुक्तिधामों में दाह संस्कार के लिए गौ काष्ठ उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें निम्न आय वर्ग के लोगों को उनके मृत परिजनों के दाह संस्कार के लिए निशुल्क गौ काष्ठ निगम द्वारा दी जाएगी।
कारपेंटर, प्लंबर, टीवी, फ्रीज, कूलर, मैकेनिक आदि की सहज उपलब्धता के लिए आनलाइन पोर्टल एप होगा। इसमें स्थानीय कामगारों को रोजगार मिलेगा। साथ ही लोगों की इन कार्यो से जुड़ी परेशानी दूर होगी।
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना का कवरेज बढाया जाएगा। मोहल्ला क्लीनिक स्थापित होंगे। राज्य शासन के सहयोग से 70 वार्डों में एवं 10 जोन कार्यालयों में कुल 80 क्लीनिक की स्थापना की जाएगी। प्रत्येक मोहल्ला क्लीनिक के लिए 25-25 लाख की स्वीकृति शाासन से प्राप्त होगी।