Protest News: कोयला खदान जनसुनवाई विवाद: हिंसा के बाद जिंदल पावर ने लिया जनसुनवाई वापस, 14 गांवों का विरोध तेज
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रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में गारे पेल्मा सेक्टर-1 कोयला खदान को लेकर चल रहा विवाद अब बड़े टकराव का रूप ले चुका है। भूमि अधिग्रहण के लिए 8 दिसंबर को कथित तौर पर गुपचुप तरीके से कराई गई जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग को लेकर 14 प्रभावित गांवों के ग्रामीण 12 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं।
27 दिसंबर 2025 को धरना स्थल पर हुई हिंसा और आगजनी की घटना के बाद जिंदल पावर लिमिटेड (JPL) ने जनसुनवाई को निरस्त करने का पत्र छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल को सौंप दिया है।
हिंसा और आगजनी के बाद जिंदल पावर का बड़ा फैसला
जिंदल पावर ने अपने पत्र में बताया कि 27 दिसंबर को धरना स्थल पर स्थिति बेकाबू हो गई। इस दौरान पुलिस और कंपनी कर्मियों पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इसके अलावा कंपनी के कोल हैंडलिंग प्लांट (CHP) में आगजनी की घटना हुई, जिससे भारी आर्थिक नुकसान हुआ।
कंपनी ने स्पष्ट किया कि वह जनभावनाओं का सम्मान करती है और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए जनसुनवाई के आवेदन को वापस लिया जा रहा है। जिंदल पावर ने यह भी आश्वासन दिया कि जब तक ग्रामवासियों का समर्थन नहीं मिलेगा, तब तक इस परियोजना को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
कलेक्टर ने भी अग्रिम कार्रवाई रोकने का किया अनुरोध
हिंसा से एक दिन पहले रायगढ़ कलेक्टर ने छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल को पत्र लिखकर जनसुनवाई पर अग्रिम कार्रवाई फिलहाल न करने का अनुरोध किया था। कलेक्टर ने बताया कि 8 दिसंबर को धौराभाठा गांव में जनसुनवाई संपन्न कराई गई थी और उससे जुड़े दस्तावेज मंडल को भेजे जा चुके हैं।
हालांकि, 12 दिसंबर से ही ग्रामीण जनसुनवाई को निरस्त करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे थे। 27 दिसंबर को स्थिति उग्र होने के कारण क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बन गया है।
गुपचुप जनसुनवाई बना आक्रोश की वजह
ग्रामीणों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने उनकी जानकारी और सहमति के बिना जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी कर ली। विधायक विद्यावती सिदार द्वारा इस खुलासे के बाद ग्रामीणों का गुस्सा और भड़क गया।
हालात ऐसे हैं कि प्रभावित 14 गांवों के ग्रामीणों ने अपने घरों में ताला लगाकर तमनार के स्कूल परिसर को अस्थायी आंदोलन स्थल बना लिया है। ग्रामीणों का प्रशासन पर से भरोसा पूरी तरह उठ चुका है।
इन गांवों पर पड़ेगा सीधा असर
गारे पेल्मा सेक्टर-1 कोल ब्लॉक के कारण झरना, आमगांव, कोसमपाली, पतरापाली, गोढ़ी, कसडोल, महलोई, सरसमाल सहित कुल 14 गांव सीधे तौर पर प्रभावित होंगे। ग्रामीणों का कहना है कि खदान से विस्थापन, पर्यावरण प्रदूषण और आजीविका पर गंभीर संकट खड़ा होगा।
छह महीने से चल रहा विरोध, अब हिंसक मोड़
ग्रामीण पिछले छह महीनों से कोल ब्लॉक आवंटन और भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। 5 दिसंबर को जनसुनवाई की तैयारी के दौरान भी ग्रामीणों ने विरोध किया था, जिसके चलते उस समय जनसुनवाई नहीं हो पाई थी।
बाद में अलग स्थान पर जनसुनवाई किए जाने से ग्रामीणों का आक्रोश और गहराता गया, जो अब हिंसक रूप ले चुका है।

