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NV News:- बस्तर में रेल विकास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा समय-समय पर केंद्र सरकार की बस्तर से जुड़ी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं नगरनार स्टील प्लांट, दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेललाइन की प्रगति की समीक्षा की जाती है।
इस बार बारी किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन के जगदलपुर-किरंदुल खंड (150 किलोमीटर) के दोहरीकरण की समीक्षा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को रेललाइन दोहरीकरण की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा समीक्षा किए जाने की सूचना पर शुक्रवार को राजधानी रायपुर में मुख्य सचिव छत्तीसगढ़ शासन अमिताभ जैन की अध्यक्षता में वर्चुअल बैठक लेकर तैयारी की समीक्षा की गई। बैठक में पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) वाल्टेयर अनूप सतपथी, मुख्य अभियंता वाल्टेयर रेलमंडल, सचिव वन विभाग छग शासन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक छत्तीसगढ़, कलेक्टर दंतेवाड़ा सुनील सोनी व वनमंडलाधिकारी भी शामिल थे।
विदित हो कि 1966-1967 में बिछाई गई किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन 55 साल पुरानी है। केंद्र में मई 2014 में भाजपा के नेतृत्व में राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) सरकार बनने के बाद इस रेललाइन के दोहरीकरण की परियोजना पर काम शुरू किया गया था।
जगदलपुर से किरंदुल के बीच दोहरीकरण का कार्य पहले चरण में लिया गया था लेकिन आठ सालों बाद भी 150 किलोमीटर क्षेत्र में करीब 95 किलोमीटर का ही दोहरीकरण कार्य पूरा हो पाया है। दंतेवाड़ा से किरंदुल के बीच 43 किलोमीटर में दोहरीकरण कार्य शेष है।
दंतेवाड़ा-काकलूर के बीच भी थोड़ा काम बाकी है। किरंदुल रेलखंड के नक्सल प्रभावित होने से भी काम में देरी हो रही है। वहीं पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं मिलने में विलंब व एक क्षेत्र में करीब पांच हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण की कार्रवाई में देरी भी इसकी वजह रही है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई प्रधानमंत्री के द्वारा ली जाने वाली बैठक से पहले रेललाइन दोहरीकरण कार्य की प्रगति और इस कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करने को लेकर दिशा निर्देश दिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोहरीकरण की प्रगति की समीक्षा करेंगे, इसलिए अधिकारी बस्तर की अन्य रेल परियोजनाओं की स्थिति पर भी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। अधिकारियों की माने तो प्रधानमंत्री दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेललाइन परियोजना पर भी सवाल कर सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखकर अधिकारी पूरी तैयारी में हैं।
तीन हजार करोड़ से अधिक की परियोजना
किरंदुल-कोत्तावालसा रेललाइन 445 किलोमीटर के दोहरीकरण की महत्वाकांक्षी परियोजना तीन हजार करोड़ से अधिक की है। चरणबद्ध रूप से इस पर काम किया जा रहा है। किरंदुल से जगदलपुर तक 95 किलोमीटर, जगदलपुर से जैपुर तक 70 किलोमीटर की लाइन दोहरीकृत की जा चुकी है। जैपुर से आगे कोरापुट-अरकू और कोत्तावालसा से अरकू के बीच भी बीच-बीच में दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है।