“President’s Police Medal 2025”: 25 जाबाजों को मिलेगा राष्ट्र का सर्वोच्च सम्मान…NV News

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छत्तीसगढ़। स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर आंतरिक सुरक्षा, नक्सल प्रभावित इलाकों में साहसी अभियानों और वर्षों की उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के हाथों राज्य के 25 पुलिसकर्मी सम्मानित होंगे। गृह मंत्रालय ने बुधवार को सम्मानित होने वाले जवानों की सूची जारी की, जिसमें गैलेंट्री मेडल (GM), प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस (PSM) और मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस (MSM) शामिल हैं।

यह उपलब्धि न केवल राज्य पुलिस के साहस और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि छत्तीसगढ़ ने देश की आंतरिक सुरक्षा में अपना अहम योगदान दिया है, खासकर वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाते हुए।

14 पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री मेडल(Gallantry Medal):

गैलेंट्री मेडल उन पुलिसकर्मियों को दिया जाता है जिन्होंने असाधारण साहस और बेहतरीन ऑपरेशनल क्षमता का प्रदर्शन किया हो। इस बार छत्तीसगढ़ के 14 जांबाज इस सम्मान के हकदार बने हैं।

सूची में आईपीएस अधिकारियों के नाम- सुनील शर्मा (पुलिस अधीक्षक), संदीप कुमार मडिले (उप निरीक्षक) और आरक्षक मदकम पांडु, मदकम हदमा, मदकम देव, बरसे हुंगा, रोशन गुप्ता सहित कई नाम शामिल हैं।

इनमें तीन वीर जवान-स्वर्गीय रामुराम नाग (सहायक उप निरीक्षक), स्वर्गीय कुंजाम जोगा (आरक्षक) और स्वर्गीय वंजाम भीमा (आरक्षक)-को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा।

ये तीनों नक्सल प्रभावित इलाकों में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए थे। उनका यह सम्मान पूरे राज्य के लिए गर्व का क्षण है और यह संदेश देता है कि वीरता कभी भुलाई नहीं जाती

PSM – हिमांशु गुप्ता को राष्ट्रीय पहचान:

प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस (PSM) लंबे समय तक उच्च कोटि की सेवा देने वाले अधिकारियों को दिया जाता है।इस बार यह सम्मान छत्तीसगढ़ के निदेशक हिमांशु गुप्ता को मिलेगा। उनके नेतृत्व, पेशेवर ईमानदारी और जनता की सुरक्षा के लिए उठाए गए प्रभावी कदमों ने राज्य में पुलिसिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

उनकी कार्यशैली में आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल, संवेदनशील मामलों में त्वरित कार्रवाई और बल की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए विशेष रणनीतियों को अहम माना जाता है।

10 पुलिसकर्मियों को MSM:

मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस (MSM) उन पुलिसकर्मियों को मिलता है जिन्होंने अपनी लगन, अनुकरणीय सेवा और निरंतर योगदान से पुलिस बल की कार्यक्षमता को बढ़ाया है।

छत्तीसगढ़ से इस बार 10 अधिकारी और जवान इस सूची में शामिल हैं:

• ध्रुव गुप्ता (पुलिस महानिरीक्षक)

• प्रशांत कुमार ठाकुर (पुलिस अधीक्षक)

• श्वेता राजमणि (कमांडेंट)

• रवी कुमार कुर्रे (पुलिस अधीक्षक)

• कौशल्या भट्ट (निरीक्षक – MIN)

• रोहित कुमार झा (सहायक पुलिस महानिरीक्षक)

• कमलेश कुमार मिश्रा (निरीक्षक – MIN)

• दल सिंह नामदेव (प्लाटून कमांडर)

• दिलीप कुमार साहू (कंपनी कमांडर)

• सुशील कुमार बरुआ (सहायक उप निरीक्षक)

इन अधिकारियों और जवानों ने न केवल अभियानों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि प्रशासनिक दक्षता और सामुदायिक पुलिसिंग में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है।

राष्ट्रीय स्तर पर चमका छत्तीसगढ़:

इस साल के पुरस्कारों में छत्तीसगढ़ पुलिस का प्रदर्शन शानदार रहा-14 गैलेंट्री मेडल,1 प्रेसिडेंट्स मेडल फॉर डिस्टिंग्विश्ड सर्विस,10 मेडल फॉर मेरिटोरियस सर्विस।

यह सम्मान उन तमाम घंटों, दिनों और वर्षों की मेहनत, त्याग और जोखिम का परिणाम है जो पुलिसकर्मी ड्यूटी पर रहते हुए झेलते हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में अभियान चलाना, जटिल मामलों की जांच, संवेदनशील क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखना- यह सब उनके साहस का प्रमाण है।

नक्सल मोर्चे पर निर्णायक भूमिका:

छत्तीसगढ़ देश के सबसे नक्सल प्रभावित राज्यों में से एक है। यहां पुलिस बल लगातार जीवन और मृत्यु के बीच की रेखा पर खड़ा होकर ऑपरेशंस करता है। जंगलों में दिन-रात अभियान, खतरनाक मुठभेड़ें और लंबी दूरी के गश्ती मिशन-इन सबके बीच भी जवानों का हौसला अटूट रहता है।

इस साल घोषित सम्मान खास तौर पर उन अभियानों को मान्यता देते हैं जहां जवानों ने न केवल अपनी जान जोखिम में डाली, बल्कि कई बार शहीदी को भी गले लगाया।

गर्व और प्रेरणा:

इन सम्मानों से न सिर्फ सम्मानित पुलिसकर्मियों के परिवार गर्व महसूस करेंगे, बल्कि पूरी फोर्स और आने वाली पीढ़ी के लिए यह प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह संदेश साफ है-कठिन परिस्थितियों में भी ड्यूटी को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाले जवान और अधिकारी देश के असली नायक हैं।

अंतिम सलाम:

राष्ट्रपति के हाथों मिलने वाले ये मेडल केवल धातु के टुकड़े नहीं, बल्कि साहस, कर्तव्यनिष्ठा और त्याग की जीती-जागती पहचान हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जब बात देश की सुरक्षा की हो, तो यहां के जवान हमेशा सबसे आगे खड़े मिलेंगे।

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