Playing with children’s lives: बच्चों की ज़िंदगी से खिलवाड़, पहले ज़हरीला सिरप, अब कीड़ों वाला एंटीबायोटिक- NV News

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 Playing with children’s lives: मध्यप्रदेश(Madhypradesh) के स्वास्थ्य‑सिस्टम (Health System) में एक के बाद एक गंभीर घोटाले सामने आ रहे हैं। पहले Coldrif नामक खाँसी सिरप के कारण बच्चों की मौत हुई थी, अब एक और चौंकाने वाला मामला उजागर हुआ है: बच्चों को दिए जाने वाले एंटीबायोटिक सिरप में कीड़ों का पाया जाना।

छिंदवाड़ा‑बैतूल जिलों में जहरीले खाँसी सिरप से कम‑से‑कम 20 बच्चों की मौत हो चुकी है; उस सिरप में औद्योगिक रसायन डाइ एथिलीनी ग्लाइकॉल पाया गया था, जो गुर्दे की विफलता का कारण बन रहा था।

इसी क्रम में, ग्वालियर जिले के मुरार तहसील स्थित जिला अस्पताल के प्रसूति गृह अस्पताल में एक माँ ने बताया कि उसके बच्चे को दिए गए एंटीबायोटिक सिरप (Azithromycin Oral Suspension) की बोतल में काले‑कीड़े जैसे तत्व दिखाई दिए।

स्वास्थ्य विभाग ने घटना की तुरंत पुष्टि करते हुए उस सिरप के वितरण को रोका है, अस्पताल में मौजूद लगभग 306 बोतलों को सील कर लैब जांच के लिए भेजा गया है।
यह स्पष्ट है कि बच्चों को निःशुल्क वितरित होने वाली दवाओं की गुणवत्ता तथा वितरण‑चेन में गहरी खामी सामने आई है।

विश्लेषण किया जाए तो:

पहले वाला मामला दवा कंपनियों, कच्चे माल और लाइसेंसिंग की चूक का परिणाम था जहाँ एक खाँसी सिरप में घातक रसायन मिला हुआ था।

अब दूसरा मामला ड्रग स्टोरेशन / पैकेजिंग / स्टॉक प्रबंधन अथवा वितरण‑चैनल की लापरवाही को उजागर करता है — कि कैसे बच्चों के लिए सुरक्षित समझी जाने वाली एंटीबायोटिक दवा में विदेशी (कीड़े/काले कण) मिल सकते हैं।

दोनों मामलों में बच्चों की जान और स्वास्थ्य पर प्रत्यक्ष खतरा उत्पन्न हुआ है — यह सिर्फ एक दुष्प्रभाव नहीं बल्कि आपदा‑स्तर की मुसीबत है।

इस तरह की घटनाओं से आम जनता में “क्या हमारी दवा सुरक्षित है?”‑यह प्रश्न खड़ा हो जाता है। सरकार सप्लायर, वितरण एजेंसी और नियंत्रक अधिकारियों की जांच करें। बच्चों की दवाओं के बैच‑नंबर सार्वजनिक करें, जहाँ से वह दवाएँ सप्लाई हुई थीं।

भविष्य में बच्चों की दवाओं की गुणवत्ता‑नीति (QA/QC) को और मजबूत बनाये। पेरेंट्स को सचेत करें कि किसी भी दवा में असामान्य तत्व दिखने पर तुरंत अस्पताल/ड्रग विभाग को सूचित करें।

 

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