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N.V. न्यूज़ – पंचांग 24 अगस्त 2022 : वैदिक पंचांग के अनुसार आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि और बुधवार का दिन है। द्वादशी तिथि आज सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। उसके बाद त्रयोदशी तिथि लग जायेगी। आज देर रात 1 बजकर 25 मिनट तक व्यतिपात योग रहेगा। ज्योतिष में इस योग को अशुभ माना जाता है। आइए जानते हैं आज शुभ- अशुभ समय…
सूर्योदय सूर्यास्त चंद्रोदय चंद्रास्त का समय
सूर्योदय – 05:54:42 AM
सूर्यास्त – 18:52:00 PM
चन्द्रोदय – 27:45:59
चन्द्रास्त – 17:18:58
आज की तिथि
तिथि द्वादशी – 08:32:31 तक
नक्षत्र पुनर्वसु – 13:39:16 तक
करण: तैतिल – 08:32:31 तक, गर – 21:38:42 तक
पक्ष: कृष्ण
वार: बुधवार
मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
आज की तिथि
तिथि द्वादशी – 08:32:31 तक
नक्षत्र पुनर्वसु – 13:39:16 तक
करण: तैतिल – 08:32:31 तक, गर – 21:38:42 तक
पक्ष: कृष्ण
वार: बुधवार
मास पूर्णिमांत: भाद्रपद
आज का अशुभ मुहूर्त
दुष्टमुहूर्त: 11:58:26 से 12:49:15 तक
कुलिक: 11:58:26 से 12:49:15 तक
कंटक: 17:08:22 से 18:00:10 तक
राहु काल: 12:24:20 से 14:00:30 तक
कालवेला / अर्द्धयाम: 06:47:31 से 07:38:20 तक
यमघण्ट: 08:31:09 से 09:21:58 तक
यमगण्ड: 07:32:51 से 09:09:01 तक
गुलिक काल:10:46:12 से 12:23:20 तक
आज का शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म में किसी भी धार्मिक और मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। ज्योतिष के अनुसार कुल मिलाकर 30 मुहूर्त होते हैं जिसमें से 15 शुभ मुहूर्त और 15 अशुभ मुहूर्त माने जाते हैं।
अभिजीत मुहूर्त : है नहीं
विजय मुहूर्त: 14:33:00 से 15:25:00 तक
अमृत सिद्धि योग: है नहीं
शिव उपासना का शुभ मुहूर्त:
पंचांग के मुताबिक भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि बुधवार 24 अगस्त को सुबह 08 बजकर 32 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन गुरुवार, 25 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक रहेगी। प्रदोष व्रत 24 अगस्त को ही रखा जाएगा। वहीं कुछ लोग उदयातिथि को आधार बनाकर 25 अगस्त को व्रत रख सकते हैं। बुध प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 24 अगस्त शाम 06 बजकर 51 मिनट से रात 09 बजकर 05 मिनट तक रहेगा
दिशाशूल:
बुधवार को उत्तर दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना गया है। फिर भी अगर मजबूरी में यात्रा करनी पड़ जाए तो धनिया या तिल खाकर यात्रा करें। जिससे दोष का परिहार हो सके।
आज का विशेष उपाय:
आज के दिन का संबंध बुधवार और भगवान गणेश से है। इसलिए आज शाम को गणेश जी को 4 बेसन से लड्डुओं का भोग लगाएं और गणेश चालीसा का पाठ करें। इस दिन गाय को हरा खिलाएं।