प्रस्तावित शराब दुकान पर उबाल: महिलाओं-ग्रामीणों का तीखा विरोध, चक्का जाम की चेतावनी
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बिलासपुर। कोटा विकासखंड के ग्राम केंदा में प्रस्तावित शासकीय शराब दुकान को लेकर ग्रामीणों और महिला समूहों में जबरदस्त आक्रोश उभरकर सामने आया है। गांव में दुकान स्थापित करने की तैयारी अंतिम चरण में पहुँच चुकी है, जिसके विरोध में ग्रामीणो ने शनिवार को जोरदार प्रदर्शन किया।
विरोध स्थल पर पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला स्वयं महिलाओं के साथ पहुंचकर प्रशासनिक निर्णय को “असंवेदनशील और समाजविरोधी” बताया। उन्होंने कहा कि—“जहाँ प्रशासन शैक्षणिक संस्थानों को संचालित करने में रुचि नहीं दिखाता, वहीं शराब दुकानों के विस्तार में तेजी चिंताजनक है। यह नीति युवाओं के भविष्य और सामाजिक वातावरण दोनों के लिए घातक साबित होगी।”
ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें शराब दुकान खोलने की सूचना कुछ दिन पहले अनौपचारिक रूप से मिली थी। इसके बाद गांव की महिलाओं ने जनपद सदस्य जमुना बाई टेकाम के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपकर दुकान की प्रक्रिया रोकने की मांग भी की थी। ग्रामीणों का आरोप है कि आपत्ति के बावजूद प्रशासन तेजी से निर्माण और संचालन की तैयारी कर रहा है, जिससे नाराजगी और बढ़ती जा रही है।
ग्रामीणों का उफान: शराब की खेप प्रवेश पर विरोध:-
विरोध प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और शराब की खेप को दुकान परिसर में ले जाने का विरोध किया। स्थिति तनावपूर्ण हो सकती थी, इसलिए स्थानीय पुलिस मौके पर पहुँची और भीड़ को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की सलाह दी।
महिलाओं और जनप्रतिनिधियों की गंभीर चिंता:-
जनपद सदस्य जमुना टेकाम ने स्थल को बेहद संवेदनशील बताते हुए कहा कि यहाँ से मानिकपुर, चुरेली, कारीमाटी और बाहरीझिरिया मार्ग गुजरता है, जहाँ से रोजाना स्कूल-कॉलेज के छात्र, महिलाएं और ग्रामीण आवाजाही करते हैं।
उनका कहना है कि—“शराब दुकान खुलने से उत्पन्न गतिविधियां महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा पर असर डालेंगी और गांव के शांत वातावरण को बिगाड़ देंगी।”
कांग्रेस कार्यकर्ता ईश्वर तंवर ने भी विरोध में आवाज उठाते हुए कहा कि केंदा जैसे शांत गांव में शराब दुकान की जरूरत नहीं है। वे मानते हैं कि इससे युवाओं में लत और घरेलू कलह जैसी समस्याएं बढ़ेंगी।
महिलाओं का साफ संदेश—’किसी भी हालत में दुकान नहीं खुलने देंगे’
विरोध में शामिल महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि वे किसी भी परिस्थिति में शराब दुकान खुलने नहीं देंगी और अपने गांव की सुरक्षा और भविष्य के लिए संघर्ष जारी रखेंगी।
चक्का जाम की चेतावनी:-
बढ़ते विरोध को देखते हुए पूर्व जनपद अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने घोषणा की कि—
“यदि प्रशासन ने ग्रामीणों की आपत्तियों को नजरअंदाज कर शराब दुकान खोलने का प्रयास किया, तो अगले दिन केंदा में चक्का जाम किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।”
गांव में माहौल तनावपूर्ण है और ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे इस मुद्दे पर पीछे नहीं हटेंगे।

